नमो ड्रोन दीदी योजना: मध्य प्रदेश के छोटे से गांव थड़ौदा की रीना चंदेल आज ‘ड्रोन दीदी’ बन चुकी हैं। खेतों में मशीन उड़ाकर न सिर्फ उन्होंने नई पहचान बनाई, बल्कि एक लाख रुपये से भी ज्यादा कमाकर गांव की महिलाओं को नई राह दिखाई। लेकिन ये सब इतना आसान भी नहीं था सवाल है, रीना ने ये कैसे किया?
देखें रीना चंदेल कौन हैं, और कैसे बनीं ‘ड्रोन दीदी’?
थड़ौदा गांव की रहने वाली रीना चंदेल एक आम घरेलू महिला थीं। लेकिन जब सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना गांव तक पहुंची, तो उन्होंने इसे एक मौके की तरह लिया। उन्होंने ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग ली और कुछ ही महीनों में खेतों में छिड़काव का काम शुरू कर दिया।
आज वो खुद ड्रोन ऑपरेट कर रही हैं, और हर दिन कुछ नया सीख रही हैं। उनके इसी साहस और मेहनत ने उन्हें पूरे गांव की ‘ड्रोन दीदी’ बना दिया।
ड्रोन से बदली जिंदगी, एक लाख की आमदनी बनी मिसाल
रीना अब खेतों में ड्रोन से यूरिया, खाद और कीटनाशक का छिड़काव करती हैं। किसान पहले जो काम घंटों में करते थे, अब वो चंद मिनटों में हो जाता है और वो भी बिना किसी जोखिम के।
रीना की यह सेवा गांव में इतनी लोकप्रिय हुई कि उन्होंने अब तक ₹1 लाख से भी ज़्यादा कमाई कर ली है। ये सिर्फ आमदनी नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की उड़ान है।
टेक्नोलॉजी से डर नहीं, अब ट्रेनिंग देती हैं रीना
रीना बताती हैं कि शुरुआत में उन्हें खुद टेक्नोलॉजी से डर लगता था। लेकिन जब उन्होंने ड्रोन को करीब से जाना और सीखा, तो वो अब दूसरों को भी ट्रेनिंग देने लगी हैं।
गांव की अन्य महिलाएं भी अब उनसे प्रेरणा लेकर ड्रोन चलाना सीखना चाहती हैं। रीना अब सिर्फ एक महिला नहीं, बल्कि एक शिक्षक और प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं।
📍आगर-मालवा#नमो_ड्रोन_दीदी_योजना
ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक
सशक्तिकरण की नई उड़ान➡️इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं को तकनीक और सरकारी सहयोग से आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।
➡️आगर-मालवा जिले के ग्राम थड़ौदा की श्रीमती रीना चंदेल की जिंदगी को… pic.twitter.com/d4NfVlFDYv— Jansampark MP (@JansamparkMP) June 6, 2025
महिला सशक्तिकरण का नया मॉडल बना ये गांव
सरकार की योजना ने सिर्फ एक महिला को नहीं, बल्कि पूरे गांव को नई दिशा दी है। खेती का काम अब तेज़, सटीक और सुरक्षित हो गया है। महिलाएं टेक्नोलॉजी की मदद से कमाई कर रही हैं और गांव में सम्मान भी पा रही हैं।
थड़ौदा गांव आज एक मॉडल विलेज बन चुका है, जहां टेक्नोलॉजी और नारीशक्ति मिलकर बदलाव ला रहे हैं।
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ड्रोन दीदी योजना गांव की बेटियों का आत्मविश्वास
रीना की कहानी हमें ये सिखाती है कि अगर सही मार्गदर्शन और अवसर मिले, तो कोई भी महिला किसी भी क्षेत्र में कमाल कर सकती है। टेक्नोलॉजी अब सिर्फ शहरों की बात नहीं गांव की महिलाएं भी इसका इस्तेमाल करके नई ऊंचाइयों तक पहुंच रही हैं। रीना जैसी महिलाएं सिर्फ ड्रोन नहीं उड़ा रहीं, वे आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार कर रही हैं।
क्या आपके गांव में भी कोई रीना है जो टेक्नोलॉजी से अपनी तकदीर बदलना चाहती है? ऐसी ही प्रेरणादायक खबरों के लिए जुड़े रहें और अपनी राय नीचे कमेंट में ज़रूर लिखें।
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