MP News: मध्य प्रदेश में 61.88 लाख लोगों के राशन पर रोक, खाद्य विभाग ने राशन वितरण में बदलाव

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MP News: खाद्य विभाग ने केंद्र सरकार की सख्ती के बाद मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर राशन वितरण में बदलाव किया है। जून माह से 61.88 लाख लोगों के राशन पर रोक लगाई गई है। लेकिन ये रोक तब तक है जब तक वे ‘इ-केवायसी’ Ekyc नहीं कराते। क्या है ये नया अभियान और इसका आपके राशन पर क्या असर होगा? जानिए विस्तार से।

राशन वितरण का नया नियम

केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, खाद्य विभाग ने मध्य प्रदेश में इ-केवायसी (इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी) Ekyc कराए बिना राशन नहीं दिया जाएगा। मार्च 2025 से शुरू हुए इस अभियान में अब तक 6.88 लाख सदस्यों को सूची से हटा दिया गया है, क्योंकि वे पात्र नहीं पाए गए। जून माह तक करीब 61.43 लाख लोगों का राशन वितरण रोक दिया गया है, जब तक वे इ-केवायसी Ekyc  पूरी नहीं करते।

इस अभियान का उद्देश्य राशन वितरण में पारदर्शिता लाना और अपात्र लाभार्थियों को हटाना है, ताकि सरकारी सब्सिडी सही हकों तक पहुंचे।

मानसून सत्र में तीन माह का राशन एक साथ मिलेगा

खाद्य विभाग ने मानसून सत्र के दौरान एक बड़ा फैसला लिया है। जून, जुलाई और अगस्त माह का राशन एक साथ पात्र सदस्यों को दिया जाएगा। हालांकि, पोर्टल पर अपात्र सदस्यों के नाम हटाने के काम के कारण अभी तक वितरण शुरू नहीं हो सका है, लेकिन विभाग इस सप्ताह में वितरण शुरू करने की पूरी तैयारी कर रहा है।

यह कदम खासतौर पर उन परिवारों के लिए राहत की बात है, जो लंबे समय से राशन लेने के लिए परेशान थे। अब तीन माह का राशन एक साथ मिलना उन्हें आर्थिक सहूलियत देगा।

इन परिवारों को नहीं मिलेगा राशन

जिन सदस्यों को छह माह से राशन नहीं मिल रहा या वे राशन लेने नहीं आए हैं, उन्हें अपात्र माना गया है। उदाहरण के लिए, पंधाना क्षेत्र में एक सदस्य की मृत्यु हो चुकी है लेकिन उनका परिवार राशन ले रहा है, या सीमावर्ती राज्य में पलायन कर चुके सदस्य का राशन जारी है। ऐसे मामलों को भी पोर्टल से हटाया जा रहा है।

इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राशन केवल उन्हीं को मिले जो सचमुच इसके पात्र हैं, और गलत तरीके से लाभ उठाने वालों पर रोक लगे।

मध्य प्रदेश में इ-केवायसी का आंकड़ा और जिला-wise स्थिति

मध्य प्रदेश में कुल 5.38 करोड़ लाभार्थी हैं। अभी भी 61.43 लाख लोगों ने इ-केवायसी नहीं कराई है। जिनमें से 6.88 लाख को सूची से हटा दिया गया है।

सबसे अधिक अपात्र सदस्य रीवा, बड़वानी, अलिराजपुर और भिंड जिलों में पाए गए हैं, जबकि जबलपुर, मैहर, निवाड़ी और बैतूल में यह संख्या काफी कम है।

इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि इ-केवायसी अभियान का प्रभाव व्यापक रूप से महसूस किया जा रहा है और विभाग लगातार सक्रिय है।

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लोग इस नए नियम को दो तरह से देख रहे हैं। कुछ इसे जरूरी कदम मानते हैं क्योंकि इससे राशन की चोरी और काला बाजारी कम होगी। उन्हें लगता है कि अब सरकारी संसाधन सही जरूरतमंदों तक पहुंचेगे।

वहीं, कुछ लोग चिंतित हैं कि तकनीकी कारणों से गरीब और बुजुर्ग वर्ग को परेशानी हो सकती है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां मोबाइल और इंटरनेट की पहुँच सीमित है।

कुल मिलाकर, जनता उम्मीद करती है कि विभाग इस प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाए ताकि कोई पात्र लाभार्थी भूखा न रहे।

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यदि आप भी राशन लेने वाले हैं तो तुरंत इ-केवायसी करवाएं, ताकि आपके घर का राशन बंद न हो। सरकारी सब्सिडी का लाभ पाने के लिए यह नया नियम जरूरी है। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।

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  • Atmaram Maha Vidyalaya

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