मध्य प्रदेश में किसानों की सम्मान निधि बंद होगी, इन 7000 किसानों बड़ी कार्रवाई की तैयारी

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MP News: मध्य प्रदेश के हजारों किसानों की किसान सम्मान निधि पर संकट मंडरा रहा है। सरकार ने नरवाई जलाने वाले करीब 7000 किसानों की पहचान की है और अब इनकी सम्मान निधि रोकने की तैयारी की जा रही है। यह फैसला किसानों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। लेकिन सवाल ये है क्या सम्मान निधि बंद करने को लेकर केंद्र से मंजूरी मिलेगी? क्योंकि यह पीएम किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जाती है। 

नरवाई जलाने पर सम्मान निधि पर रोक की तैयारी

मध्य प्रदेश के जिन किसानों ने चेतावनी के बावजूद खेतों में नरवाई जलाई, उनकी अब मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सरकार ने ऐसे लगभग 7000 किसानों की पहचान कर ली है और इन्हें किसान सम्मान निधि से वंचित रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, अंतिम फैसला केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ही लिया जाएगा।

7000 किसानों पर वसूली और FIR

राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इन किसानों से अब तक कुल ₹2.28 करोड़ का जुर्माना वसूला जा चुका है। इसके अलावा करीब 604 किसानों पर FIR भी दर्ज की गई है। रायसेन, नर्मदापुरम, गुना, इंदौर और विदिशा जैसे जिलों में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। अकेले नर्मदापुरम में 5774 नरवाई जलाने के केस दर्ज हुए हैं, हालांकि FIR सिर्फ 8 पर हुई है।

केंद्र और राज्य से मिलती है निधि की राशि

मध्य प्रदेश में किसानों को सालाना ₹12,000 की किसान सम्मान निधि दी जाती है, जिसमें से ₹6000 केंद्र और ₹6000 राज्य सरकार देती है। यदि राज्य सरकार इन किसानों को राशि देना बंद करती है, तो इसके लिए उसे केंद्र सरकार से सहमति लेनी होगी। यह प्रक्रिया फिलहाल विचाराधीन है।

सरकार दे रही थी मशीन की सब्सिडी

मध्य प्रदेश सरकार लगातार यह कहती रही है कि नरवाई जलाना पर्यावरण के लिए हानिकारक है और इसके विकल्प उपलब्ध हैं। किसानों को नरवाई नष्ट करने वाली मशीनों की खरीद पर सब्सिडी भी दी जा रही थी। बावजूद इसके कई किसानों ने मनाही के बावजूद पराली जलाई, जिससे प्रशासन अब सख्त हुआ है।

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नरवाई जलाना किसानों की मजबूरी

किसानों का कहना है कि नरवाई जलाना उनकी मजबूरी है क्योंकि मशीनों की कीमतें बहुत अधिक हैं और सब्सिडी भी समय पर नहीं मिलती। दूसरी ओर, पर्यावरणविद सरकार के फैसले को सही ठहरा रहे हैं।  उनका कहना है कि नरवाई जलाने से प्रदूषण और मिट्टी की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है। मेरे हिसाब से, सरकार को किसानों के खिलाफ सख्ती से पहले उन्हें व्यवहारिक विकल्प और पर्याप्त सहायता देनी चाहिए। सिर्फ रोक लगाने से समस्या हल नहीं होगी।

क्या किसान सम्मान निधि की यह रोक वाकई लागू होगी या सरकार किसानों को एक और मौका देगी? आपकी क्या राय है इस फैसले पर? ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।

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  • Uma Hardiya writer

    मैं Uma Hardiya हूं। मैं मध्य प्रदेश और देश की नीतियों, योजनाओं और सामाजिक मुद्दों पर लिखती हूं। कोशिश रहती है कि बातें आसान तरीके से लोगों तक पहुंचें।

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