मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खबर आई है। इस साल मूंग की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नहीं खरीदी जाएगी। मोहन यादव सरकार ने यह फैसला लिया है, क्योंकि मूंग की खेती में किसानों द्वारा खरपतवार नाशक (बीड़ी साइड) का अधिक उपयोग हो रहा है, जिससे उपभोक्ताओं की सेहत को खतरा हो सकता है। और यही एक वजह है कि सरकार ने MSP पर मूंग की खारेड्डी बंद कर दी है।
MSP पर नहीं होगी मूंग की खरीदी
कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने बताया कि मूंग की फसल जल्दी लेने के लिए किसान खरपतवार नाशक का उपयोग करते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस कारण सरकार ने इस बार मूंग की MSP पर खरीदी से इनकार कर दिया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव जी भी इस चिंता को पहले ही व्यक्त कर चुके हैं कि खरपतवार नाशकों का दुरुपयोग फसल और उपभोक्ता दोनों के लिए जोखिम भरा है।
मूंग के बजाय अन्य फसलों की MSP खरीदी
मध्य प्रदेश में अन्य प्रमुख फसलों की MSP पर खरीदी जारी रहेगी, जैसे:
गेहूं: लगभग ₹2,150 प्रति क्विंटल (2025-26 के लिए अनुमानित)
धान (चावल): ₹1,900 – ₹2,000 प्रति क्विंटल (धान के प्रकार पर निर्भर)
चना: ₹4,500 – ₹5,000 प्रति क्विंटल
सरसों: ₹5,000 प्रति क्विंटल
मध्य प्रदेश सरकार इन फसलों की खरीदी के लिए हर साल केंद्र और राज्य के निर्देशानुसार कार्यक्रम चलाती है और किसानों को उचित मूल्य उपलब्ध कराती है।
इस साल मूंग की खरीदी नहीं होने का असर
करीब 12 लाख हेक्टेयर में मूंग की खेती होती है और 120 मीट्रिक टन मूंग का उत्पादन होता है। पहले किसानों को MSP के तहत लगभग ₹8,700 प्रति क्विंटल के भाव पर मूंग की बिक्री का मौका मिलता था। इस बार मूंग की MSP खरीदी रद्द होने से किसान मजबूर होकर सीधे बाजार में 6,000 से ₹7,000 प्रति क्विंटल के भाव पर बेचने को विवश हैं। इससे किसानों की आय पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और पेस्टीसाइडयुक्त मूंग सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंच सकती है।
किसान और विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
भारती किसान संघ और कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ ने सरकार से मूंग की MSP खरीदी के लिए जल्द नीति बनाने की मांग की है। मूंग उत्पादक जिलों जैसे नर्मदापुरम, हरदा, देवास, रायसेन, बैतूल में किसान इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान चिंतित हैं कि खरीदी न होने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो सकता है।
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मध्य प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य के मद्देनजर इस बार मूंग की MSP पर खरीदी से परहेज किया है, लेकिन अन्य प्रमुख फसलों की खरीदी MSP पर जारी रहेगी। किसानों को इस स्थिति को समझते हुए बाजार भाव के अनुसार अपनी फसल बेचने के लिए तैयार रहना होगा।
सरकार से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में मूंग की खेती के लिए सुरक्षित और स्वस्थ खेती के उपाय लेकर MSP पर खरीदी फिर से शुरू की जाएगी।
आपके विचार क्या हैं? क्या सरकार का फैसला सही है या किसानों को ज्यादा समर्थन मिलना चाहिए? कमेंट में जरूर बताएं।
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खरीद होनी चाहिए
Sarkar. Ka. Faishla. Galat. Hai. Sarkar. Safaya. Ka. Hawala. Dekar. Moong. Kharidi. Nahi. Kar. Rahi. Hai. Ye. Kisan. Virodhi. Faishla. Hai. Jab. Ki. Sarkar. Ko. Dawai. Par. Rok. Lagana. Chahiye. Kya. Sarkar. Yesi. Dawai. Par. Van. Nahi. Laga. Sakti. Kya
किसान व्यापारियों को मूंग बेचेगा तो क्या वो मूंग उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचेगा क्या।
किसान की उन्नति होना इनका दुख का कारण है।