MP को मिला नया हाईवे: 90 करोड़ की लागत से तैयार पाटी-बोकराटा-खेतिया मार्ग

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मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल इलाके के लिए यह पाटी-बोकराटा-खेतिया मार्ग किसी वरदान से कम नहीं। करीब 90 करोड़ की लागत से बनी पाटी-बोकराटा-खेतिया सड़क अब पूरी तरह चालू हो चुकी है। इस सड़क से न सिर्फ 26 गांवों को सीधी कनेक्टिविटी मिली है, बल्कि महाराष्ट्र की दूरी भी अब 45 किलोमीटर कम हो गई है। किसानों, व्यापारियों और नर्मदा परिक्रमा यात्रियों सभी को इसका फायदा मिलेगा। आइए जानते हैं इस खास सड़क परियोजना की पूरी कहानी।

15 साल पुराना सपना अब हकीकत बना

इस सड़क का सपना पहली बार 29 अक्टूबर 2010 को देखा गया था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पाटी दौरे पर पहुंचे थे। तभी उन्होंने पाटी-बोकराटा-खेतिया मार्ग की घोषणा की थी।

पर सपना साकार होने में 15 साल लग गए। कारण? सरकारी कागज़ी कार्यवाहियां, फॉरेस्ट क्लीयरेंस की देरी और बजट की उलझनें। अब जाकर ये 31.20 किमी लंबा और 12 मीटर चौड़ा मार्ग बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है।

निर्माण में लगा 89.45 करोड़ रुपए

  • पहले चरण में बड़वानी से बोकराटा तक 46 किमी की सड़क 47.02 करोड़ में बनी।

  • फिर बोकराटा से खेतिया तक के 32 किमी में फंसी निर्माण प्रक्रिया।

  • शुरुआत में 75 करोड़ की DPR बनी, फिर बढ़कर 82 करोड़, और अंत में 89.45 करोड़ में पूरी सड़क तैयार हो पाई।

अब ये पाटी-बोकराटा-खेतिया मार्ग पूरी तरह चालू है, और आवागमन सुगम हो चुका है।

अब सिर्फ 71 किमी दूर है महाराष्ट्र

पहले बड़वानी से महाराष्ट्र जाने के लिए 115 किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी। अब इस नई सड़क से ये दूरी घटकर 71 किमी रह गई है।

इससे समय बचेगा, डीज़ल खर्च कम होगा, मालवाहन और व्यापार में तेजी आएगी, आदिवासी इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी। 

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घाट काटकर बनी टेक्निकल सड़क

यह पाटी-बोकराटा-खेतिया मार्ग महज कंक्रीट का टुकड़ा नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है। 300 मीटर लंबा और 25 मीटर ऊंचा घाट सेक्शन बनाया गया है। बारिश में लैंडस्लाइड रोकने के लिए नेलिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है। एक MNB पुलिया और 4 स्लैब पुलिया बनी हैं। रोड मार्किंग, संकेतक बोर्ड और फिनिशिंग वर्क भी पूरा है। इससे अब वाहन चालकों को बेहतर सुरक्षा और यात्रियों को राहत मिलेगी।

नर्मदा यात्रियों और टूरिज्म को फायदा

सतपुड़ा पहाड़ियों में स्थित तोरणमाल जैसे पर्यटक स्थल अब और करीब आ गए हैं — सिर्फ 12 किमी दूर।
नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु अब पथरीले रास्तों से राहत पाकर सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे।

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किसानों के लिए भी राहत की खबर

इस सड़क के चालू होने से26 गांवों की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। खेतिया मंडी तक सीधी सड़क से अब किसान आसानी से उपज ला रहे हैं। खासकर मूंगफली की आवक में बढ़ोतरी देखी जा रही है। पहले खराब सड़क से किसान कतराते थे, अब व्यापार में नया जोश आ गया है। 

गोई नदी पर पुल भी तैयार

सड़क के साथ-साथ पाटी में गोई नदी पर एक बड़ा पुल भी बनकर तैयार हो गया है। पुल पर सीमेंट पिलर और स्लैब का निर्माण पूरा है। अब सड़क के दोनों ओर रोड मार्किंग और सिग्नलिंग का काम भी पूरा हो चुका है। अब बड़वानी से खेतिया तक सीधा और सुरक्षित आवागमन पूरी तरह संभव है।

इस सड़क का बनना सिर्फ कंक्रीट बिछाना नहीं है, यह गांवों को शहर से, किसान को मंडी से और आम आदमी को बेहतर जीवन से जोड़ने का जरिया है।

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सरकारी योजनाएं जब ज़मीन पर उतरती हैं, तो उसका असर ऐसे ही दिखता है। गांवों में रफ्तार, व्यापार में उम्मीद और हर चेहरे पर राहत। अगर आप बड़वानी या आसपास के गांवों से हैं, तो इस सड़क का महत्व आपसे बेहतर कौन समझ सकता है। इस खबर को ज़रूर शेयर करें ताकि लोग जानें कि विकास किस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।

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  • Atmaram Maha Vidyalaya

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