बीएड की पढ़ाई का सपना देख रहे हजारों छात्रों के लिए बड़ा झटका है। NCTE ने 2025-26 सत्र के लिए 380 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है, जिसमें मध्य प्रदेश के भी 11 कॉलेज शामिल हैं। यह कदम तब उठाया गया जब इन संस्थानों ने ज़रूरी रिपोर्ट जमा नहीं की। अब सवाल उठता है – क्या और भी कॉलेज इस लिस्ट में जुड़ सकते हैं?
एक साथ 380 कॉलेजों की मान्यता खत्म
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की पश्चिमी क्षेत्रीय समिति ने चार राज्यों के 380 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। इसका सबसे बड़ा कारण रहा समय पर परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PAR) न देना। इसके अलावा संस्थानों में शिक्षकों की कमी, बुनियादी ढांचे का अभाव और ट्रेनिंग स्टैंडर्ड्स का उल्लंघन भी इस फैसले की वजह बने।
महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित
इस कार्रवाई से सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र को हुआ, जहां 295 कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई। इसके अलावा मध्यप्रदेश के 11 कॉलेज, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के दर्जनों कॉलेज भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
NCTE की इस बैठक की पुष्टि क्षेत्रीय समिति के चेयरमैन डॉ. शैलेश नारायण भाई जाला ने की है। उनका कहना है कि शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
मध्यप्रदेश के ये कॉलेज हुए शामिल
मध्य प्रदेश के जिन प्रमुख कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है, उनमें ग्वालियर, भोपाल, रीवा, सतना और सागर के कॉलेज शामिल हैं। खास बात यह है कि भोपाल की भोज (ओपन) यूनिवर्सिटी, जो हर साल डिस्टेंस लर्निंग के तहत 1000 छात्रों को बीएड कोर्स कराती थी, उसका डिस्टेंस कोर्स भी अब मान्य नहीं रहेगा।
MP के जिन कॉलेजों पर कार्रवाई हुई:-
ऋषिकुल ग्रुप ऑफ बीएड कॉलेज, ग्वालियर
फरीदा एजुकेशन सोसाइटी, ग्वालियर
श्री साईंनाथ महाविद्यालय, भोपाल
भोज यूनिवर्सिटी (डिस्टेंस कोर्स), भोपाल
नीरांचलम शिक्षा महाविद्यालय, रीवा
स्वामी नारायण दास कॉलेज, सतना
पंडित बीडी मेमोरियल, सागर
द्रोणाचार्य एकेडमी, सागर
पंडित मेमोरियल बीएड कॉलेज, सागर
व अन्य दो कॉलेज
भोज विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. सुशील मंडेरिया ने बताया कि मामले की जानकारी निदेशक से लेकर NCTE से चर्चा कर समाधान की कोशिश की जाएगी।
देखें मान्यता रद्द क्यों हुई?
इन संस्थानों की मान्यता रद्द करने के पीछे कई अहम वजहें रहीं:
सालाना परफॉर्मेंस रिपोर्ट समय पर न देना
प्रशिक्षकों की कमी
शैक्षणिक और इंफ्रास्ट्रक्चर मापदंडों का पालन न करना
प्रशिक्षण की गुणवत्ता में गिरावट
सरकार और NCTE का फोकस अब सिर्फ डिग्री बांटने वाले संस्थानों को हटाकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाले संस्थानों को बढ़ावा देना है।
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छात्रों के बीच इस खबर से चिंता और भ्रम की स्थिति है। कई छात्रों ने कहा कि उन्हें अब डर है कि उनका कोर्स अधर में न रह जाए। खासकर भोज यूनिवर्सिटी जैसे बड़े संस्थान के डिस्टेंस कोर्स रद्द होने से हजारों छात्र प्रभावित हो सकते हैं। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम जरूरी था ताकि सिर्फ नाम के लिए चल रहे कॉलेजों पर रोक लगाई जा सके।
NCTE का ये कदम सख्त जरूर है, लेकिन लंबे समय से ऐसे संस्थानों पर लगाम जरूरी थी जो महज़ डिग्री बेचने का अड्डा बन गए थे। यह बदलाव शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने में मदद करेगा। बशर्ते इसकी प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो। साथ ही, छात्रों को बीच मझधार में छोड़ना किसी भी कीमत पर सही नहीं ठहराया जा सकता।
शिक्षा की गुणवत्ता बचाने के लिए ऐसे कड़े फैसले जरूरी हैं, लेकिन छात्रों की सुरक्षा और भविष्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है। अगर आप भी बीएड में दाखिला लेने की सोच रहे हैं, तो पहले कॉलेज की मान्यता की जांच जरूर कर लें। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।