मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के लिए बड़ी खबर है। यहां अब मेडिकल कॉलेज की स्थापना तय हो गई है और इसके लिए 1500 करोड़ रुपए तक की भारी-भरकम लागत आने की संभावना है। ज़मीन का आवंटन हो चुका है और कॉलेज कल्याणपुरा में बनेगा। ये प्रोजेक्ट न सिर्फ जिले का विकास करेगा, बल्कि पूरे अंचल की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
मेडिकल कॉलेज की मंजूरी और लोकेशन तय
मध्यप्रदेश सरकार ने झाबुआ जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात देने का निर्णय लिया है। इसके लिए कल्याणपुरा में स्थित सर्वे नंबर 557 और 558 की करीब 28.54 हेक्टेयर जमीन उच्च शिक्षा विभाग को आवंटित कर दी गई है। पहले यह कॉलेज धन्ना डूंगरा में प्रस्तावित था, लेकिन अब इसे बदलकर मॉडल स्कूल के पास, कल्याणपुरा में शिफ्ट कर दिया गया है। जिला अस्पताल से 11 किलोमीटर की दूरी पर होने के कारण, मेडिकल कॉलेज तक पहुंच सुगम रहेगी।
डीएवीवी का पहला मेडिकल कॉलेज होगा झाबुआ में
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) पहली बार किसी मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने जा रहा है, और वह भी झाबुआ जैसे आदिवासी बहुल जिले में। विश्वविद्यालय के कुलगुरु राकेश सिंघई के मुताबिक, यदि फिलहाल के इंजीनियरिंग कॉलेज में मेडिकल कॉलेज चलाने की अनुमति मिल जाती है, तो यह 2026 से शुरू किया जा सकता है। नहीं तो नया भवन तैयार होने तक दो से ढाई साल का समय और लगेगा।
खर्च और मॉडल: PPP के ज़रिए होगा संचालन?
इस प्रोजेक्ट के लिए DAVV ने दो प्रस्ताव शासन को भेजे हैं। पहला विकल्प — इंजीनियरिंग कॉलेज में संचालन, जिससे 825 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। दूसरा विकल्प — नया मेडिकल कॉलेज भवन बनाना, जिसकी अनुमानित लागत 1500.7 करोड़ रुपए होगी। माना जा रहा है कि कॉलेज का संचालन PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर होगा। कॉलेज से संबद्ध 300 बेड वाला अस्पताल होना अनिवार्य है, जिसे जिला अस्पताल से जोड़ा जाएगा।
यह भी पढ़ें – MP हाईकोर्ट में निकली सरकारी नौकरियां, 8वीं, 10वीं, 12वीं पास के लिए सुनहरा मौका
भविष्य की योजना: आयुर्वेद और नर्सिंग कॉलेज भी प्रस्तावित
योजना केवल मेडिकल कॉलेज तक सीमित नहीं है। DAVV की नजर भविष्य में आयुर्वेदिक और नर्सिंग कॉलेज खोलने पर भी है। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने लगभग डेढ़ गुनी जमीन की मांग की थी। फिलहाल मेडिकल कॉलेज के लिए ज़मीन मिल चुकी है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि ज़रूरत पड़ने पर और ज़मीन भी दी जा सकती है, क्योंकि आसपास पर्याप्त सरकारी ज़मीन उपलब्ध है।
झाबुआ जैसे पिछड़े जिले में मेडिकल कॉलेज की घोषणा ने लोगों में नई उम्मीदें जगा दी हैं। कई स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इससे युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा और इलाज की बेहतर सुविधा भी यहीं मिलेगी। वहीं कुछ लोग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि योजना को जल्द से जल्द धरातल पर लाया जाए, नहीं तो यह भी केवल एक घोषणा बनकर रह जाएगी।
यह भी पढ़ें – किसानों को राहत का तोहफा: KCC लोन पर 4% ब्याज जारी, धान का MSP भी बढ़ा
ऐसी ही उम्मीदों और विकास से जुड़ी खबरों के लिए जुड़े रहें atmarammahavidyalaya.com के साथ। आपको क्या लगता है ये मेडिकल कॉलेज झाबुआ का भविष्य बदल पाएगा? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर बताएं!