मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर से विद्यार्थियों को बड़ी सौगात देने का ऐलान किया है। MP Board की 12वीं कक्षा में टॉप करने वाले छात्र और छात्राओं को फ्री स्कूटी देने की योजना 2025-26 में फिर से लागू की जा रही है। इस बार नियमों में कुछ बदलाव हुए हैं, क्या आपके स्कूल से 3 टॉपरों को मिलेगा लाभ या सिर्फ 1 को? आइए जानते हैं इस स्कीम की पूरी सच्चाई।
मुख्यमंत्री फ्री स्कूटी योजना
MP Board की फ्री स्कूटी योजना 2023 में शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य था 12वीं में टॉप करने वाली छात्राओं को पढ़ाई के लिए आने-जाने में मदद देना। शुरुआत में योजना सिर्फ लड़कियों के लिए थी, लेकिन बाद में इसे लड़कों के लिए भी लागू किया गया। स्कीम के तहत स्कूल के टॉपर छात्र-छात्रा को पेट्रोल या इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदने के लिए ₹90,000 से ₹1,20,000 तक की राशि बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x ट्वविटर पर इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि की और एक पोस्ट साझा किया जिसे आपकी सुविधा के लिए हमने नीचे एम्बेड किया है। इससे यह साफ़ हो जाता है कि इस योजना को और विस्तार दिया गया है और अब आगे चलकर अधिक छात्र -छात्र इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इस साल हमने कक्षा 12वीं में अपने स्कूल में सबसे अधिक नंबर प्राप्त करने वाले बेटा-बेटियों को स्कूटी दिलाई।
अब अगले साल से कक्षा 12वीं में सर्वाधिक अंक लाने वाले तीन बेटा-बेटियों को स्कूटी दी जाएगी: CM pic.twitter.com/c7JhzIIdoo
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) September 22, 2023
कितने पर्सेंट पर मिलेगी स्कूटी?
MP Board फ्री स्कूटी योजना की सबसे खास बात ये है कि इसमें प्रतिशत की कोई सीमा नहीं है। जो भी छात्र या छात्रा अपने स्कूल में टॉप करता है — वही इस योजना का हकदार बनता है। यानी सिर्फ नंबरों की बात नहीं है, बल्कि अपने स्कूल के हिसाब से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले को इसका लाभ मिलेगा।
2025 में कौन-कौन होगा पात्र?
2023 में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि आने वाले वर्षों में स्कूल के टॉप 3 छात्र-छात्राओं को स्कूटी मिलेगी। लेकिन 2024 के अंत में सरकार बदलने के बाद यह नियम संशोधित किया गया। अब 2025-26 में हर स्कूल से सिर्फ 1 छात्र और 1 छात्रा को ही स्कूटी दी जाएगी। यानी मुकाबला अब और भी टफ हो गया है।
रजिस्ट्रेशन कैसे होगा और पैसे कब मिलेंगे?
MP Board फ्री स्कूटी योजना के लिए किसी को ऑनलाइन आवेदन नहीं करना होता। स्कूल स्तर पर ही रजिस्ट्रेशन होता है। स्कूल प्राचार्य द्वारा टॉप करने वाले पात्र छात्रों की जानकारी लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल को भेजी जाती है। इसके बाद पात्र विद्यार्थियों के बैंक अकाउंट में सीधा पैसा ट्रांसफर होता है। जिनके पास बैंक खाता नहीं है, वे अपने माता-पिता का खाता दे सकते हैं — लेकिन एक वचन पत्र देना होता है कि पैसा केवल स्कूटी खरीदने में ही खर्च किया जाएगा।
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स्कूटी कैसी मिलेगी? इलेक्ट्रिक या पेट्रोल?
यह चुनाव छात्र का होता है। अगर छात्र या छात्रा इलेक्ट्रिक स्कूटी चुनता है, तो अधिकतम ₹1,20,000 तक की राशि मिलती है। अगर पेट्रोल स्कूटी चुनी जाती है, तो अधिकतम ₹90,000 तक दिए जाते हैं। इस राशि में रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, हेलमेट (2), और एक्सेसरीज़ भी शामिल होती हैं।
छात्र और माता-पिता इस योजना से बेहद खुश हैं। स्कूटी न सिर्फ पढ़ाई में मदद करती है, बल्कि एक तरह से मेहनत की सीधी पहचान भी बन चुकी है। हालांकि कुछ लोगों को यह बदलाव (3 की जगह 1 छात्र-छात्रा) निराशाजनक लगता है। उनकी राय है कि ज्यादा छात्रों को ये लाभ मिलना चाहिए ताकि औरों को भी मेहनत की प्रेरणा मिले।
इस तरह की योजनाएं न केवल पढ़ाई में सहायक हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक माहौल भी बनाती हैं। स्कूटी का तोहफा एक तरह से बच्चों के सपनों पर रफ्तार देने जैसा है। अगर इस योजना का दायरा फिर से बढ़ाया जाए तो यह ग्रामीण और छोटे स्कूलों के लिए और भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
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अगर आप 12वीं में हैं, तो ये मौका आपके लिए है! मेहनत करें, टॉप करें, और सरकार से पाएं स्कूटी जैसा शानदार इनाम।
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