मोदी सरकार का बड़ा फैसला: धान, अरहर, कपास सहित 14 फसलों का बढ़ा MSP

देश के करोड़ों किसानों के लिए आज एक बड़ी खुशखबरी आई है। मोदी सरकार ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में भारी इजाफा करते हुए साफ कर दिया है। अब अन्नदाता की उपज को मिलेगा उसकी मेहनत का पूरा मोल। लेकिन क्या ये सिर्फ एक आर्थिक फैसला है, या चुनावी रणनीति का हिस्सा?

क्या है इस फैसले की असली तस्वीर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 14 खरीफ फसलों के लिए MSP को बढ़ा दिया गया। सरकार ने इसे किसानों को “लाभकारी मूल्य” दिलाने की दिशा में बड़ा कदम बताया है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी रामतिल, रागी, कपास और तिल जैसी फसलों में हुई है। MSP बढ़ाकर अब कुल अनुमानित सरकारी खर्च 2.07 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।

धान (सामान्य) का MSP अब ₹2,369 हो गया है — पहले से ₹69 ज्यादा।
अरहर (तुअर) ₹8,000 तक पहुँच गई — ₹450 की सीधी बढ़त।
मूंगफली, कपास, सोयाबीन, उड़द — सभी की कीमतें औसतन ₹400–₹600 तक बढ़ी हैं।

सरकार ने दावा किया है कि ये बढ़ोतरी साल 2018-19 के उस वादे के अनुरूप है, जिसमें किसानों को “उत्पादन लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य” देने की बात कही गई थी।

ब्याज सहायता योजना जारी

सिर्फ MSP नहीं, किसानों को राहत देने के लिए एक और बड़ा कदम भी उठाया गया है। सरकार ने 2025-26 तक के लिए ब्याज सहायता योजना (Modified Interest Subvention Scheme – MISS) को जारी रखने का फैसला किया है। इस योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर मिलने वाले ₹3 लाख तक के कर्ज़ पर सिर्फ 4% ब्याज देना होगा। शर्त ये कि किसान समय पर कर्ज चुकाए।

सरकार इसके लिए 15,640 करोड़ रुपये का खर्च उठाएगी। ये पैसा सीधे किसानों की जेब में नहीं जाएगा, लेकिन उनकी जेब से कम निकले, सरकार यही चाहती है।

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गांव से शहर को जोड़ने की तैयारी

कैबिनेट ने दो और फैसले लिए जो सीधे तौर पर गांवों और खेती से जुड़े इलाकों पर असर डालेंगे:

  1. बडवेल–नेल्लोर फोर लेन हाईवे प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई है, जो आंध्र प्रदेश में 108 किमी लंबा बनेगा। इससे 20 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर बनने की उम्मीद है।

  2. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में रेलवे की मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएं शुरू होंगी — जिससे 784 गांवों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी और माल ढुलाई सस्ती होगी।

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गाँव के किसान इस फैसले को राहत के तौर पर देख रहे हैं, लेकिन कई लोगों का कहना है कि केवल MSP बढ़ाने से हालात नहीं सुधरते, जब तक उसकी सरकारी खरीद सुनिश्चित ना हो। “भाव तो बढ़ा है, पर मंडी में व्यापारी वही पुराने रेट लगाते हैं।

कई विशेषज्ञ भी मानते हैं कि चुनावी साल में ये फैसला किसानों के भरोसे को जीतने की कोशिश है। लेकिन अगर सरकार इन दामों पर सही खरीद और समय पर भुगतान सुनिश्चित करती है, तो ये सिर्फ एक घोषणा नहीं, बल्कि किसानों के भविष्य का टर्निंग पॉइंट बन सकता है।

सरकार के इस कदम से ये तो साफ है कि MSP अब केवल डेटा नहीं, एक राजनीतिक और सामाजिक संदेश भी है। किसान अगर आज खेत में खड़ा है, तो वो सिर्फ अपने परिवार का नहीं पूरे देश का पेट भर रहा है।

MSP में बढ़ोतरी एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन क्या ये किसानों की ज़िंदगी में असल बदलाव लाएगा? क्या सरकार इन दामों को जमीनी स्तर पर लागू करवा पाएगी यह देखना बेहद दिलचस्प होगा। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।

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  • Uma Hardiya writer

    मैं Uma Hardiya हूं। मैं मध्य प्रदेश और देश की नीतियों, योजनाओं और सामाजिक मुद्दों पर लिखती हूं। कोशिश रहती है कि बातें आसान तरीके से लोगों तक पहुंचें।

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