अब कर्मचारी नहीं करेंगे मंत्रालय के चक्कर, सीएम मोहन यादव की कैबिनेट का ताबड़तोड़ फैसला

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मध्य प्रदेश सरकार ने एक ऐसा ऐलान किया है जो सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत की सांस जैसा है। कैबिनेट बैठक में तय हुआ कि अब बीमारी या ज़रूरत से जुड़ी आर्थिक मदद के लिए कर्मचारी फाइलें मंत्रालय में नहीं दौड़ाएंगे। खुद विभाग के अफसर 80% तक राशि तुरंत जारी कर सकेंगे। लेकिन क्या इससे वाकई सिस्टम तेज़ होगा?

13 साल बाद मिली बड़ी राहत

मध्य प्रदेश के वल्लभ भवन में मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में एक अहम प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई। इस प्रस्ताव के मुताबिक, अब विभाग प्रमुखों को आर्थिक मामलों में बड़ा अधिकार दिया गया है। 2012 के बाद पहली बार इतने व्यापक स्तर पर वित्तीय अधिकारों को बढ़ाया गया है। इसका सीधा फायदा कर्मचारियों को मिलेगा, खासकर तब जब उन्हें इलाज जैसी तत्काल मदद की ज़रूरत हो।

अब मंत्रालय के नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर

सरकारी फाइलों का मंत्रालय में हफ्तों घूमना अब बीते दिनों की बात होगी। नई व्यवस्था में विभागों के कमिश्नर अपनी तरफ से 80% तक की राशि तुरंत मंजूर कर सकेंगे। उदाहरण के तौर पर अगर किसी कर्मचारी को बीमारी की वजह से आर्थिक सहायता चाहिए, तो फाइल मंत्रालय तक भेजने की ज़रूरत नहीं — विभाग ही फैसला करेगा।

सरकारी कामकाज में ‘ईज ऑफ डूइंग वर्क’

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस फैसले का मकसद सरकारी काम को तेज़, सरल और जवाबदेह बनाना है। अब विभाग अपने स्तर पर लैपटॉप, स्टेशनरी, फर्नीचर जैसी चीजों की खरीद कर सकेंगे। इसे ‘विक्रेंद्रीकरण’ यानी power decentralization का बड़ा कदम माना जा रहा है।

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महिलाओं के लिए 4 दिन की तैयारियां

बैठक में महिला सशक्तिकरण को लेकर भी कई फैसले लिए गए। 28 मई को बैतूल में राज्य स्तरीय महिला उद्यमी मेला लगेगा, 29 को पूरे प्रदेश में महिला स्वास्थ्य शिविर होंगे, और 30 मई को हर जिले में महिला बाइक रैली निकाली जाएगी। खुद मुख्यमंत्री भोपाल की रैली में शामिल होंगे।
31 मई को पीएम नरेंद्र मोदी भोपाल में महिला महासम्मेलन को संबोधित करेंगे और इंदौर मेट्रो समेत कई प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे।

खेती-किसानी में भी आएगा बदलाव

कैबिनेट मीटिंग में किसानों के लिए भी बड़ी योजना सामने आई। अब हर जिले में चार कृषि वैज्ञानिक भेजे जाएंगे जो मिट्टी, मौसम और फसल की गुणवत्ता का विश्लेषण कर स्थानीय किसानों को सलाह देंगे। यह टीम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से काम करेगी।

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अगर यही रफ्तार रही, तो मध्य प्रदेश का सिस्टम ज़मीनी हकीकत में बदलाव लाने वाला बन सकता है। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।

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  • Atmaram Maha Vidyalaya

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