Ladli Behna Yojana: लाड़ली बहना योजना पर उठे सवाल, नहीं मिले 3 हजार रुपये और तीसरा चरण

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MP News: मध्य प्रदेश की चर्चित लाड़ली बहना योजना फिर से विवादों में है। 2023 में चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने महिलाओं को हर माह 3,000 रुपये देने का वादा किया था। लेकिन डेढ़ साल बाद भी महिलाएं ₹1,250 से ज्यादा की राशि नहीं पा रही हैं। अब कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर एक बार फिर हमलावर हो गई है। क्योंकि वंचित बहनों और महिलाओं के लिए तीसरा चरण अब तक शुरू नहीं किया गया है। 

लाड़ली बहना योजना की शुरुआत और वादे

2023 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने “लाड़ली बहना योजना” शुरू की थी, जिसमें महिलाओं को ₹1,000 की मासिक सहायता देना तय किया गया। चुनावी माहौल में जब बीजेपी ने “5 गारंटी” की बात की, तो उसमें महिलाओं को ₹3,000 तक देने की बात जोर-शोर से कही गई। इसका उल्लेख बीजेपी के संकल्प पत्र में भी किया गया। लेकिन हकीकत ये है कि आज भी लाड़ली बहनों को केवल ₹1,250 प्रति माह ही दिए जा रहे हैं।

राज्य में लाखों ऐसी बहनें भी हैं जो अब तक इस योजना के लाभ से वंचित और तीसरे चरण का इंतज़ार कर रही हैं की लाड़ली बहना योजना का तीसरा चरण शुरू हो और वे योजना में आवेदन कर लाभान्वित हो लेकिन अब तक तीसरे चरण का कोई अपडेट सरकार द्वारा नहीं दिया। 

कांग्रेस ने उठाए सवाल – “क्यों नहीं मिले 3 हजार रुपए?”

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया है। भोपाल में पीएम नरेंद्र मोदी के “सिंदूर” कार्यक्रम से पहले उन्होंने एक वीडियो जारी कर भाजपा पर तीखा हमला बोला।

जीतू पटवारी का आरोप

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगते हुए कहा कि 5 गारंटी में एक गारंटी थी 3 हजार रुपए बहनों को देने की… आज डेढ़ साल से ज्यादा हो गया… आपने धोखा क्यों दिया मेरी बहनों को… आपने धोखा क्यों दिया शिवराजजी… क्यों बीजेपी ने धोखा दिया मेरी बहनों को?”

पटवारी ने कहा कि जब “सिंदूर” कार्यक्रम महिलाओं द्वारा संचालित होने जा रहा है, तो यह पूछना जरूरी है कि लाड़ली बहनों को ₹3,000 क्यों नहीं मिले?

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बीजेपी की चुप्पी सवालों के घेरे में

भाजपा के किसी भी बड़े नेता ने 3,000 रुपए के वादे पर अब तक कोई स्पष्ट स्पष्टीकरण नहीं दिया है। वर्तमान सीएम मोहन यादव भी इस विषय पर चुप हैं। वित्तीय कारण हो सकते हैं, लेकिन वादे के नाम पर वोट लेना और फिर पूरा न करना लोकतांत्रिक धोखा माना जा रहा है।

योजना के नाम पर भले ही कार्यक्रम चल रहे हों, लेकिन महिलाएं अब निराश होती जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कई महिलाओं को अब यह आशंका है कि 3,000 रुपए का वादा केवल चुनावी जुमला था। और तीसरा चरण तो अब सभी ने मान लिया है की कभी शुरू न होगा।

जनता के बीच बढ़ती नाराजगी

लाड़ली बहना योजना हमेसा चर्चा का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि अगर बजट नहीं था, तो झूठा वादा क्यों किया गया? कई लाड़ली बहनों ने बताया कि उन्हें भरोसा था कि जनवरी 2024 से राशि बढ़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हर महीने SMS आता है, लेकिन पैसा उतना ही आता है जितना पहले – तो क्या ये वादा सिर्फ दिखावा था। 

सरकार को सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण देना चाहिए कि क्यों नहीं बढ़ाई गई राशि? वित्तीय योजना जारी करना चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि भविष्य में ₹3,000 संभव है अथवा नहीं। 

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लाड़ली बहना योजना ने एक समय में बीजेपी को महिला वोट बैंक में जबरदस्त बढ़त दिलाई थी। लेकिन अब जब ₹3,000 का वादा अधूरा है, तो भरोसे में दरार साफ नजर आ रही है। वादा और हकीकत के बीच की खाई ने लाखों महिलाओं को असमंजस और नाराजगी में डाल दिया है। सरकार के लिए यह एक चेतावनी है कि “वादों से नहीं, विश्वास से सरकारें चलती हैं।

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  • Atmaram Maha Vidyalaya

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