मध्य प्रदेश में 27 मई से D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह दो साल का शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स है जो विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है जो 12वीं पास करने के बाद सरकारी या प्राइवेट स्कूलों में प्राइमरी टीचर बनना चाहते हैं। इस कोर्स के बिना आज के दौर में सरकारी टीचर बनने का सपना अधूरा रह जाता है, क्योंकि प्राथमिक शिक्षक पदों के लिए D.El.Ed या B.El.Ed डिग्री अनिवार्य हो गई है। एडमिशन प्रक्रिया ऑनलाइन है, और उम्मीदवारों को मेरिट लिस्ट के आधार पर कॉलेज अलॉट किया जाएगा।
D.El.Ed के बाद CTET और शिक्षक
D.El.Ed पूरा करने के बाद छात्रों को CTET (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) या राज्य स्तरीय TET परीक्षा पास करनी होती है। यह परीक्षा आपके लिए सरकारी स्कूलों के दरवाजे खोलती है। CTET का आयोजन साल में दो बार CBSE करता है, और ये परीक्षा पास करना अब लगभग हर सरकारी स्कूल में जरूरी हो गया है चाहे बात केंद्र सरकार की हो या राज्य सरकार की।
केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक भर्ती
केंद्रीय विद्यालय (KVS) में पढ़ाना सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि एक सम्मान की बात मानी जाती है। यह स्कूल भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन आता है और पूरे देश में इसका नेटवर्क फैला है। यहां शिक्षक बनने के लिए तीन प्रमुख पद होते हैं — PRT (प्राइमरी टीचर), TGT (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) और PGT (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर)। हर पद के लिए अलग योग्यता होती है, मगर आधार एक ही है — D.El.Ed या B.Ed के साथ CTET पास करना।
केंद्रीय विद्यालय चयन प्रक्रिया
KVS हर साल टीचिंग और नॉन-टीचिंग पदों के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) आयोजित करता है। इसमें विषय से जुड़े प्रश्नों के अलावा जनरल नॉलेज और करंट अफेयर्स भी पूछे जाते हैं। PRT पद के लिए इंटरव्यू वैकल्पिक होता है, जबकि TGT और PGT पदों के लिए इंटरव्यू अनिवार्य है। चयन अंतिम मेरिट लिस्ट के आधार पर होता है, जिसमें परीक्षा और इंटरव्यू दोनों के अंक शामिल होते हैं।
शिक्षण पेशा आज भी लाखों मध्यमवर्गीय परिवारों की पहली पसंद है। स्थायी नौकरी, सामाजिक सम्मान, समय पर वेतन और रिटायरमेंट के बाद पेंशन जैसी सुविधाएं इसे खास बनाती हैं। D.El.Ed कोर्स न केवल आपको इस रास्ते पर चलने की दिशा देता है, बल्कि आपकी प्रोफेशनल पहचान को भी मजबूत करता है। और अगर आप तैयारी को सही दिशा में लेकर चलें, तो KVS जैसी राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में नौकरी मिलना कोई सपना नहीं। बहुत आसान है बस आपको सही दिशा में आगे बढ़ना है।
आज जब युवा बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर भी बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, ऐसे में शिक्षक बनना एक आत्मनिर्भर, सम्मानजनक और एक आसान विकल्प है। सरकारी स्कूलों में अभी भी लाखों पद खाली हैं। केंद्रीय विद्यालय जैसे संस्थान सिर्फ जॉब नहीं देते, बल्कि आपको एक उच्च स्तर का प्रोफेशनल प्लेटफॉर्म देते हैं। मुझे लगता है कि अगर कोई छात्र 12वीं के बाद D.El.Ed, CTET और फिर KVS की तैयारी एक रणनीति के साथ करे तो वो न सिर्फ एक सुरक्षित करियर पाएगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी दिशा दे सकेगा।
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तो अगर आप या आपके परिवार में कोई 12वीं के बाद सरकारी नौकरी की तलाश में है, तो D.El.Ed को नजरअंदाज न करें। यही कोर्स एक दिन आपको केंद्रीय विद्यालय जैसी संस्था में पहुंचा सकता है। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।