MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर मोहन सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। जिन किसानों की जमीन इस योजना और प्रोजेक्ट में अधिग्रहित की जाएगी, उन्हें उसी गांव में विकसित प्लॉट दिए जाएंगे। वो भी मैन रोड/सड़क के किनारे। और इसके एमपीआइडीसी ने साफ कर दिया है कि 15 जुलाई से सहमति देने वाले किसानों की रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
MP सरकार का सबसे बड़ा कॉरिडोर प्लान तैयार
मध्य प्रदेश के इंदौर को पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ने के लिए सरकार 19.4 किमी लंबा इकोनॉमिक कॉरिडोर बना रही है। इस प्रोजेक्ट पर 2124.80 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसमें कुल 1290.74 हेक्टेयर जमीन लगेगी। इसमें 16 से ज्यादा गांवों की ज़मीन ली जाएगी। जिनमें टीही, कन्नड़, शिवखेड़ा, नैनोद जैसे गांव शामिल हैं।
किसानों को मिलेगा 60% विकसित प्लॉट
अब तक किसी भी सरकारी योजना में किसानों को 50% विकसित भूखंड मिलते थे, लेकिन इस प्रोजेक्ट में पहली बार 60% भूखंड देने का ऐलान किया गया है। यही वजह है कि अब तक लगभग 100 हेक्टेयर जमीन पर किसानों ने सहमति दे दी है। इससे किसानों में भरोसा बढ़ा है और इस प्रोजेक्ट को लेकर रुचि भी दिख रही है।
मैन रोड पर मिलेगा प्लॉट लेकिन शर्तें लागू
प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में एमपीआइडीसी के अधिकारियों ने बताया कि 6 बीघा से अधिक जमीन देने वाले किसानों को मैन रोड पर प्लॉट मिलेगा। जिनकी जमीन कम है, उन्हें अंदर की सड़कों पर प्लॉट दिए जाएंगे, लेकिन वहां भी सड़कें चौड़ी होंगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर किसान को उपयोगी और विकसित भूखंड मिल सके। मतलन किसानों को सड़क के किनारे और विकसित जमीन ही मिलेगी जिससे आगे चलकर उनकी जमीन की और कीमत बढ़ सकती है।
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15 जुलाई से शुरू होगी रजिस्ट्री प्रक्रिया
सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तेजी से काम करें ताकि 15 जुलाई तक किसानों को प्लॉट की रजिस्ट्री शुरू की जा सके। सहमति पत्र जमा करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और अब काम को गति देने की तैयारी है।
हालांकि ज़मीन अधिग्रहण से पहले कई किसानों ने सवाल उठाए हैं। जिसे की “हमें जमीन कहां दी जाएगी?”, “योजना कब पूरी होगी?”, “अगर काम लटका तो खेती भी नहीं कर पाएंगे।” एसडीएमों ने बताया कि किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए अधिकारियों द्वारा गांव-गांव जाकर समझाइश दी जा रही है।
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मुझे लगता है कि यह फैसला किसानों के हित में है। खासकर मैन रोड पर प्लॉट देना एक बड़ा कदम है। लेकिन ज़मीनी सच्चाई ये भी है कि अगर मोहन सरकार ने समय पर काम पूरा नहीं किया, तो किसानों की शंका सही साबित हो सकती है। कई लोग मानते हैं कि भरोसा सिर्फ कागजों से नहीं, काम के नतीजों से बनता है। आपकी इसमें क्या राय है नीचे कमेंट करके जरूर बताएं और इस तरह की खबरों के लिए हमारे साथ जुड़ें रहे।
गांव गांव जाकर मार्किंग कर देनी चाहिए मार्र्किंग पोल लगाना चाहिए विकास किया जाएगा उसका मैप आम पब्लिक रियल स्टेट में कार्य कर रहे व्यवसाय को भी इसकी पूर्ण जानकारी होना चाहिए पेपर के माध्यम से विज्ञापन होना चाहिए ताकि सभी को स्पष्ट प्लानिंग की जानकारी हो सके सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर भी होना चाहिए ताकि प्लानिंग की जानकारी मिल सके