MP कृषि उद्योग समागम: खेती अब सिर्फ हल और बैलों तक सीमित नहीं रही। तकनीक ने भारतीय कृषि को नए युग में पहुंचा दिया है और इसी बदलाव को ज़मीनी स्तर पर लाने के लिए नरसिंहपुर जिले में 26 से 28 मई तक तीन दिवसीय “कृषि उद्योग समागम” का आयोजन किया जा रहा है। इसका मकसद सिर्फ उन्नत कृषि यंत्रों और बीजों की प्रदर्शनी नहीं, बल्कि किसानों को ‘एग्री-प्रेन्योर’ बनने के लिए प्रेरित करना भी है।
खेती में आ रहा है स्मार्ट युग
नरसिंहपुर जिले लगे इस मेले में 90 से अधिक विभागीय स्टॉल लगाए गए हैं, जहां उन्नत कृषि उपकरणों का लाइव डेमो दिया जा रहा है। किसानों के लिए विशेष आकर्षण बने हैं जिसमे शामिल हैं –
एआई-सक्षम ड्रोन स्प्रेयर, जो सटीकता से कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं।
इलेक्ट्रिक बैल, जो परंपरागत खेती की जगह अब बुआई, निराई और स्प्रे जैसे कामों में बिजली से चालित समाधान दे रहे हैं।
नैनो फर्टिलाइजर और जैविक उत्पाद, जो टिकाऊ खेती की दिशा में बड़ा कदम हैं।
मैकेनाइज्ड ग्रेन सेग्रेगेशन सिस्टम बना किसानों के लिए गेम-चेंजर
भोपाल स्थित केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान द्वारा अनुमोदित यह सिस्टम किसानों को केवल एक बार में छंटाई, तुलाई, ग्रेडिंग और बैगिंग की सुविधा देता है। खास बात यह है कि इसे महिला कृषक समूहों या स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ऑपरेट किया जा सकता है, जिससे गांव में रोजगार और महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रमाणित बीजों से पैदावार में 30% तक वृद्धि
कृषि समागम में कुशवाहा बीज भंडार जैसे विश्वसनीय स्टॉल्स पर किसानों को उन्नत बीजों के लाभ समझाए गए।
गाडरवारा के किसान विजय पाल ने आम की कई किस्में प्रदर्शित कर बताया कि एक एकड़ में सिर्फ दो साल में ₹1.5 लाख तक की आमदनी संभव है। यह जानकारी छोटे किसानों के लिए फलों की बागवानी की ओर रुझान बढ़ाने वाली साबित हो सकती है।
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किसानों को मिल रहा है एक मंच, एक दिशा
नरसिंहपुर जिले लगे इस मेले में कृषि विभाग के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास, मत्स्य, उद्यानिकी, स्वास्थ्य, और एमपी एग्रो इंडस्ट्रीज़ के स्टॉल्स लगाए गए हैं, जो किसानों को केवल खेती नहीं, बल्कि संपूर्ण ग्राम विकास के बारे में जानकारी दे रहे हैं। योजनाएं जैसे:
पीएम कृषि सिंचाई योजना
मातृशक्ति समूहों के लिए अनुदान आधारित उपकरण
मत्स्य पालन के लिए सब्सिडी योजना
इन सबका उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।
युवाओं के लिए कृषि स्टार्टअप का मंच
नरसिंहपुर जिले इस मेले में विशेष रूप से युवाओं को ध्यान में रखते हुए “एग्री स्टार्टअप कॉर्नर” भी बनाया गया है। यहाँ स्टार्टअप इंडिया, नाबार्ड, और एमएसएमई से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद हैं जो एग्री टेक स्टार्टअप्स के लिए मार्गदर्शन, स्कीम और फंडिंग की जानकारी दे रहे हैं।
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नरसिंहपुर का कृषि उद्योग समागम सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि आने वाले कल की खेती की तैयारी है। यहाँ किसान न केवल उन्नत यंत्रों को देख रहे हैं, बल्कि खुद को नए युग के लिए तैयार कर रहे हैं। यह आयोजन दर्शाता है कि अगर नीति, नवाचार और नीयत मिल जाए, तो भारत का किसान तकनीक का साथी बन सकता है – सिर्फ उपभोक्ता नहीं, निर्माता और निवेशक भी।