मध्य प्रदेश सरकार शासकीय कॉलेजों को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की योजना को और व्यापक बनाने जा रही है। भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर और शुजालपुर के बाद अब इंदौर, रीवा और सागर के प्रमुख कॉलेजों को भी इस योजना में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक समीक्षा शुरू कर दी है।
डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाने का उद्देश्य और लाभ
मध्य प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के प्रतिष्ठित कॉलेज उच्च शिक्षा के हब बनें, जहां न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले बल्कि अनुसंधान और नवाचार को भी बढ़ावा दिया जा सके। डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने से कॉलेजों को अफिलिएशन की अनिवार्यता से मुक्ति, स्वतंत्र पाठ्यक्रम निर्धारण, और शिक्षा पद्धति में नवाचार की छूट मिलेगी।
अब इन शहरों के कॉलेज डीम्ड यूनिवर्सिटी बनेंगे
अब जिन कॉलेजों को डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाने की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है, उनमें शामिल हैं:
इंदौर: होलकर साइंस कॉलेज, गर्ल्स कॉलेज
रीवा: सरकारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय
सागर: डॉ. हरिसिंह गौर कॉलेज
इन कॉलेजों की शैक्षणिक और प्रशासनिक संरचना की समीक्षा के लिए जल्द ही NAAC की टीम द्वारा वर्चुअल या भौतिक निरीक्षण किया जाएगा।
डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने की प्रक्रिया
NAAC ग्रेडिंग: कॉलेजों को कम से कम ‘A’ ग्रेड लाना होगा।
यूजीसी आवेदन: संस्थान को UGC के मानकों के अनुसार विस्तृत प्रपोजल देना होता है।
शासन की मंजूरी: राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त करनी होती है।
सुव्यवस्थित इन्फ्रास्ट्रक्चर: पर्याप्त फैकल्टी, लैब, रिसर्च फंडिंग आदि होना आवश्यक है।
प्राचार्य और अधिकारियों की प्रतिक्रियाएं
रीवा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डी.एन. मिश्रा ने कहा, “अगर हमें डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलता है तो हम छात्र हित में अनेक कोर्स लॉन्च कर सकेंगे जो अभी सम्भव नहीं हैं।” वहीं इंदौर से एक सीनियर प्रोफेसर ने बताया कि “स्वतंत्रता से कोर्स अपडेट करना संभव होगा, जो विद्यार्थियों को बेहतर करियर के लिए तैयार करेगा।”
डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने बढ़ेगा शोध और नवाचार
डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के बाद इन संस्थानों को अधिक रिसर्च ग्रांट और प्रोजेक्ट्स प्राप्त हो सकेंगे। इससे छात्र और फैकल्टी दोनों को नए अवसर मिलेंगे। उच्च शिक्षा में नवाचार, स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री से जुड़ाव भी संभव हो सकेगा।
देखें क्या बोले उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी?
उच्च शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “सरकार की योजना है कि प्रदेश के सभी बड़े कॉलेज स्वायत्त और सशक्त बने। डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।”
इन कॉलेजों की योग्यता की समीक्षा के बाद सरकार यूजीसी को प्रस्ताव भेजेगी। NAAC से ‘A’ ग्रेड मिलने के बाद प्रक्रिया अंतिम रूप ले सकेगी। सरकार चाहती है कि अगले शैक्षणिक सत्र तक इनमें से कुछ कॉलेज डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में कार्य प्रारंभ करें।
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देखें छात्रों के लिए यह बदलाव क्यों है फायदेमंद?
नवीन और रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम
रिसर्च और स्टार्टअप को बढ़ावा
अफिलिएशन शुल्क की बचत से बेहतर सुविधाएं।
अनुरूप शिक्षण व्यवस्था।
आने वाले महीनों में यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा, तो मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ सकता है, जिसमें राज्य के कॉलेज न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकें।
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