MP News: मध्य प्रदेश में पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कटनी और दतिया के एसपी सहित चंबल रेंज के आईजी और डीआईजी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इस कार्रवाई के पीछे अधिकारियों के ‘लोकसेवा में खेदजनक व्यवहार’ को कारण बताया गया है। इस कदम से पुलिस महकमे में हलचल मच गई है।
कटनी में पारिवारिक विवाद बना कार्रवाई का कारण
कटनी में सीएसपी (SP)ख्याति मिश्रा के सरकारी आवास पर उनके पति तहसीलदार शैलेन्द्र शर्मा और उनके परिजनों के बीच विवाद हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी को महिला थाने ले जाया। शैलेन्द्र शर्मा का आरोप है कि पुलिस ने उनके परिजनों के साथ मारपीट की, और यह सब कटनी एसपी अभिजीत रंजन के निर्देश पर हुआ। इस घटना ने प्रशासनिक हलकों में चिंता बढ़ा दी।
सार्वजनिक कार्यक्रम में अधिकारियों के बीच टकराव
दतिया एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह के दौरान एसपी, आईजी और डीआईजी के बीच मंच पर ही बहस हो गई। यह विवाद भाजपा कार्यकर्ताओं और आम जनता के सामने हुआ, जिससे प्रशासन की छवि पर असर पड़ा। मुख्यमंत्री ने इस अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को हटाने का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, “कटनी के पुलिस अधीक्षक और दतिया के पुलिस अधीक्षक तथा आईजी, डीआईजी चंबल रेंज द्वारा ऐसा व्यवहार किया गया जो लोकसेवा में खेदजनक है। इस कारण इन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं।” इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी।
कटनी के पुलिस अधीक्षक और दतिया के पुलिस अधीक्षक तथा आईजी, डीआईजी चंबल रेंज द्वारा ऐसा व्यवहार किया गया जो लोकसेवा में खेदजनक है। इस कारण इन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिये हैं ।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 1, 2025
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नए अधिकारियों की नियुक्ति
सरकार ने तुरंत नए अधिकारियों की नियुक्ति की है। अभिनव विश्वकर्मा को कटनी का नया एसपी, सूरज वर्मा को दतिया का एसपी, सचिन अतुलकर को चंबल रेंज का आईजी और सुनील कुमार जैन को डीआईजी नियुक्त किया गया है। इन नियुक्तियों से प्रशासनिक कार्यों में स्थिरता लाने की कोशिश की जा रही है।
मुख्यमंत्री की इस त्वरित कार्रवाई को जनता और राजनीतिक विश्लेषकों ने सराहा है। लोगों का मानना है कि इससे पुलिस विभाग में अनुशासन कायम होगा और जनता का विश्वास बढ़ेगा। हालांकि, कुछ लोग इसे अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी का परिणाम भी मानते हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की इस निर्णायक कार्रवाई से प्रशासनिक अनुशासन का संदेश गया है। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।
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