मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जबलपुर में लिज्जत पापड़ की यूनिट पहुंचे तो माहौल एकदम खास बन गया। उन्होंने महिला श्रमिकों से सीधा संवाद किया, उनकी मेहनत की सराहना की और ₹5 लाख की आर्थिक सहायता का ऐलान भी किया। यह दौरा सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण के प्रति सरकार की गंभीरता का प्रतीक बन गया।
महिलाओं की मेहनत को मिला सीएम का सलाम
मुख्यमंत्री ने लिज्जत पापड़ यूनिट का दौरा करते हुए कहा कि यहां का लाजवाब स्वाद बहनों की मेहनत, लगन और ईमानदारी का नतीजा है। उन्होंने कहा कि यह यूनिट न केवल रोजगार का माध्यम है, बल्कि सामाजिक बदलाव और आत्मनिर्भरता की एक मिसाल भी है। डॉ. यादव ने कार्यस्थल को “श्रम का मंदिर” बताते हुए वहां काम कर रही हर महिला को आशीर्वाद दिया।
₹5 लाख की सहायता राशि की घोषणा
सीएम डॉ. मोहन यादव जी ने श्री महिला गृह उद्योग को मुख्यमंत्री सहायता कोष से ₹5 लाख देने का ऐलान किया। यूनिट की व्यवस्था और श्रमिकों के काम को सराहते हुए उन्होंने बताया कि सरकार ऐसी संस्थाओं को सहयोग देने के लिए हमेशा तत्पर है। यह मदद न केवल आर्थिक है, बल्कि उनके काम और आत्मबल को भी मान्यता देती है।
महिला सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकता
सीएम मोहन जी ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली योजनाओं का भी ज़िक्र किया, जो महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित हैं। उन्होंने हाल ही में नरसिंहपुर में हुए किसान उद्योग समागम की बात करते हुए बताया कि सरकार फूड प्रोसेसिंग और उन्नत कृषि उपकरणों को बढ़ावा देकर नए रोजगार सृजित कर रही है।
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भोपाल में महिला महासम्मेलन का एलान
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 31 मई को लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर भोपाल में एक भव्य महिला महासम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शामिल होंगे। उन्होंने लिज्जत पापड़ यूनिट की संचालक प्रक्षा ओसवाल और अन्य सभी महिलाओं को इस सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण दिया।
लिज्जत पापड़ यूनिट में मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस दौरे को लोग एक सकारात्मक संकेत के रूप में देख रहे हैं। सोशल मीडिया और लोकल न्यूज़ चैनलों पर लोग इसे महिलाओं के प्रति एक सम्मानजनक पहल बता रहे हैं। एक स्थानीय महिला कार्यकर्ता ने कहा, “ऐसी पहल सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को नई पहचान देने जैसा है।” मेरी राय में भी, जब नेताओं का सरोकार ज़मीनी स्तर पर काम कर रही महिलाओं से होता है, तो असली बदलाव वहीं से शुरू होता है।
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