MP News: रीवा में आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन के मंच से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वो घोषणा कर दी, जिसका इंतज़ार लाखों महिलाएं कर रही थीं। उन्होंने ऐलान किया कि इस रक्षाबंधन लाडली बहनों को मिलेगी अतिरिक्त राशि, वो भी एक खास तोहफे की तरह। लेकिन क्या सिर्फ इतना ही? नहीं, सीएम यादव ने रीवा की जनता को विकास की सौगातों से भी नवाज़ दिया, जिसकी चर्चा अब पूरे मध्यप्रदेश में हो रही है। तो फिर जानिए इस बड़े ऐलान के पीछे की पूरी कहानी…
लाडली बहनों के लिए रक्षाबंधन का तोहफा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि लाडली बहना योजना के तहत इस रक्षाबंधन पर बहनों को अतिरिक्त राशि दी जाएगी। साथ ही यह भी वादा किया कि इस योजना की राशि को आने वाले तीन वर्षों में ₹3,000 प्रति माह तक ले जाया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा — “रीवा की धरती पर बहनों को नमन करते हुए गर्व हो रहा है, हम बहनों के आत्मसम्मान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
ये घोषणा सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक इमोशनल कनेक्शन है, महिलाओं के साथ राज्य सरकार के भरोसे का, वादे का, और समर्थन का।
रीवा को 49.97 करोड़ की सौगात
सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने करीब ₹50 करोड़ के निर्माण कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण किया। इसमें मनगवां में स्टेडियम, प्रयागराज रोड पर टू लेन सीसी रोड, और जनपद पंचायत भवन जैसे कई काम शामिल हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अब रीवा में आईटी पार्क का निर्माण शुरू हो चुका है, जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतरीन अवसर मिलेंगे। रीवा को केवल सांस्कृतिक धरोहर ही नहीं, अब टेक्नोलॉजी और डेवलपमेंट का हब भी बनाया जाएगा।
किसानों और पशुपालकों के लिए भी बड़ी घोषणाएं
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने भाषण में किसानों को लेकर भी कई वादे किए। उन्होंने कहा:
सिंचाई के लिए ₹5 में बिजली कनेक्शन दिया जाएगा
32 लाख किसानों को सोलर पंप मिलने वाले हैं
सरकार किसानों से अतिरिक्त सौर बिजली खरीदेगी
मध्यप्रदेश को ‘दूध की राजधानी’ बनाने का लक्ष्य
सीएम मोहन यादव ने बताया कि फिलहाल देश में जो दूध उत्पादन होता है, उसमें MP का हिस्सा 9% है — अब इसे 20% तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। ये सीधे तौर पर पशुपालकों और ग्रामीण महिलाओं के जीवन को बदलने वाला कदम होगा।
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विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर भी दिया सन्देश
सम्मेलन के बाद मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर पौधरोपण किया और जनता से अपील की कि हर व्यक्ति एक पौधा लगाकर उसकी देखभाल करे। यह संकेत था — विकास केवल कंक्रीट का नहीं, प्रकृति का भी होना चाहिए।
क्या आपको लगता है कि लाडली बहना योजना महिलाओं की जिंदगी बदल रही है? या ये सिर्फ एक और वादा है चुनाव से पहले? अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर बताएं और इस मध्य प्रदेश, सरकारी योजनाओं और देश से जुडी खबरों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
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