MP News: इंदौर में बन रही पश्चिमी रिंग रोड से जुड़े किसानों के लिए अब राहत की बड़ी खबर आई है। पहले विरोध कर रहे किसानों को अब सरकार की तरफ से लगभग 1000 करोड़ रुपये का मुआवज़ा मिलेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इंदौर और धार जिलों में अधिग्रहित की जा रही जमीनों की नई दरों के आधार पर पुनः आकलन कर यह फैसला लिया है।
पहले यह राशि 600 करोड़ रुपये के आसपास थी, लेकिन किसानों की शिकायतों और मांगों को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर गाइडलाइन से हटकर ज़मीन की औसत बिक्री और खरीदी के आधार पर मुआवज़े की दरें तय की गईं। यह कदम न केवल किसानों को राहत देगा, बल्कि लंबे समय से अटके सड़क निर्माण कार्य को भी रफ्तार देगा।
सरकार और प्रशासन की पहल से खत्म हुआ किसानों का विरोध
पश्चिमी रिंग रोड परियोजना को लेकर शुरुआती दौर में किसानों में भारी असंतोष था। वे मुआवज़े की दरों से नाखुश थे और बार-बार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। मामले की गंभीरता को समझते हुए शासन स्तर से निर्देश मिले और कलेक्टर आशीष सिंह ने पहल करते हुए मुआवज़ा वितरण की प्रक्रिया तेज कर दी।
इसके बाद एनएचएआई और जिला प्रशासन ने संबंधित निजी ज़मीनों का सर्वे और मैपिंग कार्य पूर्ण किया। जब किसानों को उनकी ज़मीन की वास्तविक कीमत के अनुसार मुआवज़ा तय होता दिखा, तो उन्होंने अपना विरोध वापस ले लिया। यह प्रशासन और किसानों के बीच संवाद और सहमति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया।
इंदौर और धार के किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
अब तक पारित अवार्ड के अनुसार, इंदौर जिले की तीन तहसीलों — सांवेर, देपालपुर और हातोद — में कुल 795 करोड़ रुपये का मुआवज़ा स्वीकृत किया गया है। वहीं, धार जिले की पीथमपुर तहसील में लगभग 200 करोड़ रुपये के मुआवज़े की मंज़ूरी दी गई है।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि किसानों की मांगों के आधार पर इस नई राशि को तय किया गया है। कुल 64 किलोमीटर लंबे रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए लगभग 570 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा रही है, जिसमें 98 हेक्टेयर से अधिक शासकीय भूमि है। इसके अलावा 998 किसानों के खातों में यह राशि जल्द ट्रांसफर की जाएगी, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से बड़ा संबल मिलेगा।
सांवेर में सबसे ज्यादा लाभ, 512 किसानों को मिलेगा 473 करोड़
इस योजना में सबसे अधिक मुआवज़ा इंदौर जिले की सांवेर तहसील के किसानों को मिलेगा। यहां के नौ गांवों के 512 किसानों को कुल 473 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी। देपालपुर तहसील के पांच गांवों के 153 किसानों को 140 करोड़ रुपये और हातोद तहसील के 12 गांवों के 333 किसानों को 182 करोड़ रुपये का मुआवज़ा मिलेगा।
धार जिले के पीथमपुर क्षेत्र में भी लगभग 200 करोड़ रुपये के मुआवज़े से किसानों को राहत मिलेगी। यह पूरा मुआवज़ा जल्द ही किसानों के खातों में ट्रांसफर किया जाएगा ताकि वे अपने जीवन और खेती की योजनाएं फिर से शुरू कर सकें।
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रिंग रोड से क्षेत्रीय विकास को मिलेगी गति
मुआवज़े की बढ़ी हुई राशि से न केवल किसानों को राहत मिली है, बल्कि इससे इंदौर और धार के बुनियादी ढांचे के विकास को भी नई गति मिलेगी। पश्चिमी रिंग रोड का निर्माण पूरे क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाएगा और औद्योगिक व ग्रामीण इलाकों को आपस में बेहतर ढंग से जोड़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट से भविष्य में निवेश, रोजगार और परिवहन के नए अवसर पैदा होंगे। यह योजना अब केवल एक सड़क परियोजना नहीं रही, बल्कि क्षेत्रीय विकास और सामाजिक संतुलन का प्रतीक बनती जा रही है।
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