मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को ऐसी सौगातें दी हैं, जो न केवल राहत लेकर आई हैं, बल्कि एक नई उम्मीद भी जगाती हैं। एक तरफ तबादलों की डेडलाइन बढ़ाई गई है, तो दूसरी ओर अब इलाज के लिए महीनों तक फाइल दौड़ाने की जरूरत नहीं। वहीं हिमाचल में 12 हजार की जगह अब 32 हजार की सैलरी मिल रही है। आइए जानते हैं इन फैसलों का पूरा असर और क्या है आपके लिए खास।
एमपी में तबादले की नई तारीख और इलाज में एडवांस राहत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने कर्मचारियों के तबादलों की अंतिम तारीख 30 मई से बढ़ाकर 10 जून कर दी है। इसका सीधा लाभ उन हजारों कर्मचारियों को मिलेगा, जिनकी तबादले की फाइलें समय पर आगे नहीं बढ़ पाईं थीं। इसके पीछे कारण था पीएम नरेंद्र मोदी का इंदौर दौरा और उससे पहले की व्यस्त कैबिनेट बैठकें।
सिर्फ यही नहीं, अब कर्मचारियों और पेंशनर्स को अपने या परिवार के इलाज के लिए 80% खर्च एडवांस में मिलेगा। पहले पूरा खर्च खुद वहन करना पड़ता था, फिर महीनों फाइलें स्वास्थ्य विभाग के पास घूमती थीं। अब विभागाध्यक्ष सीधे 80% राशि जारी कर सकेंगे, जिससे फिजूल की देरी और कागजी भागदौड़ से राहत मिलेगी।
नए कर्मचारियों को मिलेगा पूरा वेतन
पहले मध्य प्रदेश के नए सरकारी कर्मचारियों को पहले साल सिर्फ 70%, दूसरे साल 50% और तीसरे साल 0% भत्ता मिलता था, जिससे उनके परिवारों को आर्थिक दिक्कत होती थी। अब नई व्यवस्था के तहत उन्हें पहले साल से ही पूरा वेतन और भत्ता दिया जाएगा। यह बदलाव 12 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों के जीवन में बड़ा फर्क लाएगा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि कर्मचारियों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा और “काले कानूनों” को खत्म किया जाएगा। कर्मचारी संगठनों ने इसका स्वागत किया है और इसे ऐतिहासिक कदम माना है।
हिमाचल में कर्मचारियों को डबल सैलरी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी कर्मचारियों के लिए कई बड़े फैसले किए हैं। प्रदेश कैबिनेट ने 700 नए होमगार्ड पदों को मंजूरी दी है, जो मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में तैनात किए जाएंगे। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी।
साथ ही, अनुबंध पर तैनात पंचायत सचिवों को रेगुलर किया गया है। करीब 200 सचिवों को सीधा फायदा होगा। नियमितीकरण के बाद उनकी तनख्वाह 12,000 रुपये से बढ़कर 32,000 रुपये प्रतिमाह हो जाएगी।
राज्य सरकार ने रेरा ऑफिस को शिमला से धर्मशाला शिफ्ट करने और बद्दी में नया शिक्षा खंड कार्यालय खोलने का फैसला भी लिया है। इसके अलावा पंचायत चुनावों में आरक्षण रोस्टर को भी नए सिरे से लागू किया जाएगा।
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मध्य प्रदेश हो या हिमाचल सरकारी कर्मचारी लंबे समय से बेहतर सुविधा, समय पर तबादले और पारदर्शी प्रक्रियाओं की मांग कर रहे थे। अब सरकारें इस दिशा में काम करती दिख रही हैं। सोशल मीडिया पर इन फैसलों की सराहना हो रही है। खासकर नई भर्ती वालों के लिए पूरा वेतन मिलना और इलाज में एडवांस राशि को ‘ग्राम स्तर तक पहुंचने वाली राहत’ बताया जा रहा है।
इन फैसलों से सिर्फ कर्मचारियों की जेब नहीं भरी, बल्कि उनकी भावनाओं को भी सहारा मिला है। ये दिखाता है कि सरकारें अब फाइलों से आगे सोच रही हैं और ज़मीन पर बदलाव ला रही हैं। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।
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