MP News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पिछले 5 महीनों से इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को वेतन नहीं मिला, जो प्रदेश सरकार की असंवेदनशीलता और अक्षमता को दर्शाता है। कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने जैसे इन बहनों और उनके परिवारों को भूखा मरने पर मजबूर कर दिया है।
मध्य प्रदेश की आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं अन्याय
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ जी ने लिखा कि आशा और ऊषा कार्यकर्ता वे महिलाएं हैं जो गाँव-गाँव जाकर माताओं और बच्चों की जान बचाती हैं, और स्वास्थ्य सेवाएं अंतिम छोर तक पहुँचाती हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि यही बहनें अब बिना वेतन के काम कर रही हैं, और सरकार ने इनके दर्द को अनदेखा कर दिया है। उन्होंने सरकार की चुप्पी को “अंधी और बहरी” करार दिया।
बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, घर का राशन खत्म
ट्वीट में कमलनाथ ने आगे लिखा कि वेतन न मिलने की वजह से इन कार्यकर्ताओं के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, घर का राशन खत्म हो गया है, और महिलाएं हर दिन अपमान और लाचारी झेल रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही है सरकार का नारी सशक्तिकरण? क्या ऐसे ही “लाड़ली बहन” योजना का सम्मान किया जा रहा है?
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने जो ट्वीट किया वो आपकी सुविधा के लिए हमने यहाँ साझा किया है आप नीचे देख सकते हैं।
शर्मनाक ! 5 महीने से आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं को वेतन नहीं मिला, यह सरकार की अक्षमता और असंवेदनशीलता की हद है।
हमारी आशा और ऊषा कार्यकर्ताएं वो मेहनती बहनें हैं, जो गाँव-गाँव जाकर माताओं और बच्चों की जान बचाती हैं, स्वास्थ्य सेवाओं को आखिरी छोर तक पहुँचाती हैं, लेकिन इस अंधी और बहरी… pic.twitter.com/5LsW6ESJ7k
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 5, 2025
कमलनाथ का सरकार से आग्रह
कमलनाथ ने सीधा संदेश देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और सरकार तुरंत वेतन जारी करें, वरना कांग्रेस और वे खुद चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने चेताया कि अगर इन बहनों को उनका हक नहीं दिया गया, तो सड़क पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा। कमलनाथ ने अपने ट्वीट के अंत में लिखा – “शर्म करो, सरकार!”
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विपक्ष ने सरकार को घेरा
कमलनाथ के इस ट्वीट के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस इसे महिलाओं के सम्मान और अधिकार का सवाल बता रही है, वहीं सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। माना जा रहा है कि आगामी समय में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से और गरमाएगा।
हलाकि अब इस पर मध्य प्रदेश सरकार क्या फिर हर बार की तरह चुप्पी देखने को मिलेगी यह देखना बहुत दिलचस्प होगा। आपकी क्या राय है इस मामले में अपनी राय नीचे कमेंट करके जरुर बताये और इस तरह की ख़बरों के लिए जुड़े रहें हमारे साथ।
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