देशभर के शिक्षा जगत में हलचल मच गई है। NCTE ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत 380 B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। कई नामी संस्थान भी इस लिस्ट में हैं, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। सवाल ये है कि इतने बड़े फैसले के पीछे आखिर वजह क्या थी?
380 कॉलेजों की मान्यता रद्द
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) की 423वीं बैठक में एक कड़ा फैसला लिया गया, जिसमें देशभर के 380 B.Ed कॉलेजों की मान्यता सत्र 2025-26 से रद्द कर दी गई। इसकी सबसे बड़ी वजह बनी — वार्षिक परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PAR) जमा न करना। इन रिपोर्ट्स के जरिए कॉलेजों की क्वालिटी, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टूडेंट सर्विस की निगरानी होती है।
NCTE के वेस्टर्न जोनल चेयरमैन डॉ. शैलेश नारायण भाई जाला ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि संस्थानों को कई बार नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाई।
भोज यूनिवर्सिटी समेत कई बड़े कॉलेजों की मान्यता खत्म
मध्य प्रदेश में कुल 11 B.Ed कॉलेज इस कार्रवाई की जद में आए हैं। सबसे चौंकाने वाला नाम भोपाल की भोज ओपन यूनिवर्सिटी का है, जिसका डिस्टेंस लर्निंग बीएड प्रोग्राम भी बंद कर दिया गया है।
ग्वालियर से लेकर सतना, रीवा और सागर जैसे शहरों के चर्चित संस्थान जैसे ऋषिकुल ग्रुप ऑफ कॉलेज, श्री साईंनाथ महाविद्यालय और द्रोणाचार्य एकेडमी भी इस लिस्ट में हैं। ये वही कॉलेज हैं जिनमें हर साल सैकड़ों स्टूडेंट्स दाखिला लेते थे।
4 बड़े कॉलेज बंद, 250 सीटें होंगी कम
छत्तीसगढ़ में जिन चार बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द हुई है, वहां बीएड, डीएलएड और बीएससी बीएड कोर्स चलते थे। इनकी मान्यता समाप्त होने से राज्य में लगभग 250 सीटें घट जाएंगी — जिसमें 100 बीएड, 100 डीएलएड और 50 बीएससी बीएड की सीटें हैं।
राज्य के कुल 140 B.Ed कॉलेजों में 14,500 सीटें हैं और 89 D.El.Ed कॉलेजों में 6,700 सीटें। ऐसे में ये फैसला हजारों स्टूडेंट्स को सीधा प्रभावित करेगा।
छात्रों पर क्या पड़ेगा असर?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि जो छात्र इन कॉलेजों में दाखिला लेने की सोच रहे थे या पहले से कोर्स कर रहे हैं — उनका क्या होगा? मान्यता रद्द होने के बाद ये कॉलेज नए छात्रों को एडमिशन नहीं दे पाएंगे।
वहीं पहले से नामांकित छात्रों को वैकल्पिक कॉलेज या यूनिवर्सिटी शिफ्ट किया जा सकता है, लेकिन इससे उनकी पढ़ाई और करियर दोनों प्रभावित होंगे।
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सोशल मीडिया पर छात्रों और अभिभावकों के बीच नाराजगी साफ दिख रही है। कई लोगों का कहना है कि NCTE ने सही कदम उठाया, लेकिन एक बार चेतावनी देकर मौका भी देना चाहिए था।
कुछ छात्रों ने चिंता जताई कि उनका साल बर्बाद हो सकता है और इस स्थिति में नई यूनिवर्सिटी तक पहुंचना मुश्किल होगा। वहीं कई शिक्षा विशेषज्ञों ने इसे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में जरूरी कदम बताया है।
क्या आपके शहर का कोई कॉलेज इस लिस्ट में है? इस फैसले पर आपकी क्या राय है? नीचे कमेंट करके हमें जरूर बताएं। ऐसी ही बड़ी और असरदार खबरों के लिए जुड़े रहें AtmaramMahavidyalaya.com से।
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