MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने विधवा महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण जलाई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया है कि यदि कोई विधवा महिला दोबारा विवाह करती है, तो राज्य सरकार उसकी आर्थिक सहायता के लिए 2 लाख रुपए की राशि प्रदान करेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने बुंदेल केसरी महाराजा छत्रसाल की 377वीं जयंती के अवसर पर छतरपुर जिले के मऊसहानियां में की।
CM मोहन यादव ने किया विरासत महोत्सव का उद्घाटन
CM मोहन यादव ने छतरपुर में आयोजित विरासत महोत्सव का शुभारंभ किया, जो कि संस्कृति विभाग के सहयोग से तीन दिवसीय कार्यक्रम के रूप में मनाया गया। मंच से बोलते हुए मुख्यमंत्री ने महाराजा छत्रसाल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बुंदेलखंड की धरती वीरों की भूमि रही है और छत्रसाल जैसे योद्धाओं ने देश की अस्मिता के लिए लड़ाई लड़ी। इसी मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2 लाख रुपए की सहायता की घोषणा की।
विधवाओं को मिलेगा 2 लाख रुपए का सहारा
मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने कहा कि राज्य सरकार “ऑपरेशन सिंदूर” की तर्ज पर अब उन विधवा महिलाओं की मांग में भी सिंदूर भरवाएगी जो दोबारा विवाह करना चाहती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “कल्याणी विवाह योजना” के तहत जो महिलाएं पुनर्विवाह करेंगी, उन्हें 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता सीधे प्रदान की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य उन्हें समाज में सम्मानजनक जीवन जीने और नई शुरुआत करने का अवसर देना है।
मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह योजना
कल्याणी विवाह योजना की शुरुआत 3 मई 2018 को हुई थी। इस योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश सरकार उन विधवा महिलाओं की शादी करवाने में मदद करती है जो दोबारा विवाह करना चाहती हैं। इसका उद्देश्य न सिर्फ उनके आत्मसम्मान को बढ़ाना है, बल्कि उनके आर्थिक बोझ को भी कम करना है। विवाह के बाद महिला को 2 लाख रुपए की राशि दी जाती है, जिससे वह अपने नए जीवन की बेहतर शुरुआत कर सके।
कल्याणी विवाह योजना की शर्तें
कल्याणी विवाह योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें हैं। सबसे पहली बात यह कि महिला और उसका होने वाला पति मध्य प्रदेश के मूल निवासी होने चाहिए। महिला की उम्र कम से कम 18 साल और पुरुष की उम्र 21 साल या उससे अधिक होनी चाहिए। महिला किसी भी प्रकार की सरकारी सेवा में न हो। वहीं, पुरुष की पहले से कोई जीवित पत्नी नहीं होनी चाहिए। शादी की तारीख से एक साल के भीतर योजना के लिए आवेदन करना ज़रूरी है, वरना लाभ नहीं मिलेगा।
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मुख्यमंत्री मोहन यादव जी का यह निर्णय उन हजारों विधवा महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आया है, जो समाजिक कारणों या आर्थिक मजबूरियों के कारण पुनर्विवाह नहीं कर पाती थीं। इस योजना के जरिए सरकार उन्हें नया जीवन शुरू करने का साहस और साधन दोनों दे रही है। यह सिर्फ एक आर्थिक मदद नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन की पहल है।