MP News: मध्य प्रदेश सरकार सितंबर 2025 से उज्जैन से एक नई परिवहन सेवा की शुरुआत करने जा रही है। इस योजना का नाम ‘सुगम परिवहन सेवा’ रखा गया है और इसे राज्यभर में लागू करने से पहले उज्जैन में प्रायोगिक तौर पर शुरू किया जाएगा। योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है और तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस योजना से पूरे मध्य प्रदेश की जनता को लाभ मिलने वाले है और सफर की सुविधा भी बेहतर हो जाएगी।
सुगम परिवहन सेवा की उज्जैन से शुरुआत
सुगम परिवहन सेवा की शुरुआत उज्जैन से होगी और इसे पहले चरण में इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण शहर है। वर्ष 2028 में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन होना है, जिसमें लाखों श्रद्धालु देशभर से यहां आएंगे। ऐसे में यह ज़रूरी था कि यहाँ की परिवहन व्यवस्था पहले से सुदृढ़ कर दी जाए। साथ ही, उज्जैन की भौगोलिक स्थिति और अन्य जिलों से इसकी मजबूत कनेक्टिविटी इसे एक आदर्श परीक्षण स्थल बनाती है।
देखें सुगम परिवहन सेवा रूट सर्वे और कंपनियों की संरचना
सुगम परिवहन सेवा योजना के अंतर्गत पहले ही उज्जैन और इंदौर संभाग में रूट सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। अब जबलपुर और सागर संभाग में रूट सर्वे शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा, पूरे राज्य में एक होल्डिंग कंपनी के अधीन 7 संभागीय परिवहन कंपनियाँ बनाई जाएंगी। ये कंपनियाँ भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और रीवा में काम करेंगी।
हर जिले में एक समिति गठित की जाएगी जिसकी अध्यक्षता संबंधित जिले के कलेक्टर करेंगे। यह समिति बस मार्गों का निर्धारण, यात्री सुविधाओं का प्रबंधन और परमिट जारी करने का कार्य करेगी। हर रूट के लिए अलग-अलग परमिट और टाइमिंग तय की जाएगी और सेवा का संचालन पूरी तरह से ट्रायल के सफल परिणामों के आधार पर शुरू किया जाएगा।
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सुगम परिवहन सेवा स्मार्ट ऐप और डिजिटल निगरानी प्रणाली
यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया जा रहा है, जिसमें बसों की लाइव जानकारी, रूट डिटेल्स और समय सारिणी मिलेगी। इसके साथ ही, एक डिजिटल डैशबोर्ड भी तैयार किया जा रहा है जो पूरे सिस्टम की निगरानी करेगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
सुगम सेवा से आम जनता को लाभ होंगे
सुगम परिवहन सेवा के माध्यम से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी सुव्यवस्थित और नियमित बस सेवा मिल सकेगी। यह सेवा न सिर्फ किफायती होगी बल्कि इससे ट्रैफिक और निजी वाहनों पर निर्भरता भी घटेगी। साथ ही, राज्य में परिवहन क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। डिजिटल ट्रैकिंग और टिकटिंग व्यवस्था यात्रियों को एक स्मार्ट और भरोसेमंद अनुभव प्रदान करेगी।
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