MP News: मध्य प्रदेश में आयोजित कृषि उद्योग समागम 2025 ने देशभर के किसानों और युवाओं के लिए एक नई उम्मीद जगा दी है। इस मेगा इवेंट की शुरुआत भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की, और उनका भाषण सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से लेकर भारत की भविष्य की अर्थव्यवस्था तक की तस्वीर पेश की।
नरसिंहपुर से उठी ‘किसान उद्योग क्रांति’ की लहर
इस समागम की शुरुआत एक भव्य समारोह से हुई जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और कई मंत्री व नेता मौजूद रहे। स्टेज पर दीप प्रज्ज्वलन और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस आयोजन में किसान सहायता केंद्र, पंजीकरण दफ्तर और अत्याधुनिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगी, जिसने किसानों को टेक्नोलॉजी के और करीब ला दिया।
आतंकवाद पर सख्त संदेश
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंच से ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा करते हुए साफ कहा, “अब भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लौह पुरुष की तरह निर्णय लिए हैं और जिन लोगों ने देश के सिंदूर को मिटाने की कोशिश की, उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिला है। “खून और पानी अब एक साथ नहीं बहेगा” — ये सिर्फ नारा नहीं, बल्कि एक सख्त नीति का संकेत है।
किसानों के दम पर बनेगा भारत अगली महाशक्ति
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यह भी कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अब गांवों और खेतों से निकलेगी। उनका कहना था, “अमेरिका में किसान की आमदनी एक सामान्य परिवार से ज्यादा है, और यही भारत में भी संभव है।” उन्होंने सांसदों और विधायकों से अपील की कि वे गांवों को गोद लें और वहां एग्रो इंडस्ट्रीज को बढ़ावा दें।
अब मिलेगा 5 रुपए में स्थायी बिजली कनेक्शन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी कार्यक्रम में कई अहम घोषणाएं कीं:
-
32 लाख किसानों को सोलर पंप देने की योजना
-
102 हेक्टेयर में फूड प्रोसेसिंग पार्क का निर्माण
-
किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र
-
और पूरे प्रदेश में किसान मेले लगाने की घोषणा
डिजिटल नामांतरण, बंटवारा और रजिस्ट्री की सुविधा अब ऑनलाइन होगी, जिससे किसानों को पटवारी के पास बार-बार नहीं जाना पड़ेगा।
यह भी पढ़ें – 12वीं के बाद सीधे शिक्षक बनने का मौका! अब B.Ed के लिए नहीं करनी पड़ेगी ग्रेजुएशन, जानिए नई प्रक्रिया
जनता का क्या कहना है?
नरसिंहपुर के कई स्थानीय किसानों और युवाओं से बात करने पर एक ही बात सामने आई — “पहली बार लगा कि हमारे गांव की भी कोई आवाज़ है।” लोगों का मानना है कि अगर ऐसी योजनाएं सही ढंग से लागू की जाएं, तो गांवों से भी स्टार्टअप्स और बिज़नेस लीडर निकल सकते हैं।
मुझे लगता है, ये सिर्फ एक समागम नहीं, बल्कि भारत के कृषि भविष्य की नींव रखने की शुरुआत है। और अगर सरकार और जनता दोनों साथ मिलें, तो वाकई भारत को तीसरी महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।
यह भी पढ़ें – KVS Teacher Recruitment 2025: केंद्रीय विद्यालय में शिक्षकों की भर्ती, देखें आयु सीमा और वेतन