भोपाल में आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक बेहद अहम बैठक होने जा रही है, जो कई बड़े फैसलों को बैठक में मंजूरी मिलने वाली है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कई ऐसे प्रस्ताव हैं जो आम लोगों के जीवन को सीधा प्रभावित करेंगे और सरकारी कामकाज को तेज़ और सरल बनाएंगे।
जनहित से जुड़े बड़े प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर
मोहन कैबिनेट की इस आज की बैठक में सबसे अहम प्रस्ताव विभागाध्यक्षों को ज्यादा वित्तीय अधिकार देने का है। 8 साल बाद बुक ऑफ फाइनेंशियल पावर में संशोधन किया जा सकता है, जिससे लैपटॉप, फर्नीचर जैसी वस्तुओं की खरीद में शासन से अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब विभाग अपने स्तर पर फैसले ले सकेंगे। साथ ही, प्रशिक्षु यानी इंटरन रखने का अधिकार भी विभागों को मिल सकता है।
मेधावी छात्रों और विकास योजनाओं पर भी चर्चा संभव
मोहन कैबिनेट में मेधावी छात्रों को लैपटॉप दिए जाने की योजना को भी मंज़ूरी मिलने की उम्मीद है। साथ ही, प्रदेश के समग्र विकास के लिए चल रही योजनाओं की समीक्षा और सुधार पर भी फोकस रहेगा। सरकार की कोशिश है कि युवाओं और आम जनता को सीधा फायदा पहुंचे।
प्रधानमंत्री की यात्रा और अन्य तैयारियों पर भी नजर
30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भोपाल यात्रा प्रस्तावित है। ऐसे में सुरक्षा, कार्यक्रम स्थल की तैयारी और लॉजिस्टिक प्लानिंग पर भी बैठक में चर्चा की जा सकती है। यह यात्रा राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री के आज के प्रमुख कार्यक्रम
सीएम डॉ. मोहन यादव जी का आज का दिन व्यस्तताओं से भरा है। सुबह घाट की सफाई और सफाई मित्रों के सम्मान समारोह से लेकर दोपहर के मंत्री कर्मचारियों के आभार कार्यक्रम तक, और शाम को पार्टी कार्यालय की बैठक — दिनभर कई जरूरी कार्यक्रम निर्धारित हैं।
यह भी पढ़ें – MP के 36 कॉलेजों में बंद हुए दर्जनों कोर्स, देखें पूरी लिस्ट – अब नहीं होगी पढ़ाई
3 जून को पचमढ़ी में होगी अगली कैबिनेट बैठक
खास बात यह भी है कि अगली कैबिनेट बैठक 3 जून को हिल स्टेशन पचमढ़ी में आयोजित होगी। झील किनारे और पाइन ट्री के नीचे होने वाली यह बैठक जनजातीय राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी। इससे पहले मार्च 2022 में भी पचमढ़ी में ऐसी बैठक हो चुकी है।
लोगों को उम्मीद है कि आज की बैठक सिर्फ कागज़ी प्रस्तावों तक सीमित न रहकर जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वाली होगी। एक आम राय यह भी है कि अगर विभागों को फैसले लेने की अधिक स्वतंत्रता मिलती है, तो फाइलों की देरी और सरकारी सुस्ती कम होगी। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।
यह भी पढ़ें – 12वीं पास स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर: D.El.Ed में एडमिशन की प्रक्रिया आज से शुरू – चूक गए तो करना पड़ेगा इंतज़ार