हर महीने की तरह इस बार भी उम्मीद थी कि 13 तारीख को 1.27 करोड़ बहनों के खाते में लाड़ली बहना योजना की अगली किश्त यानी ₹1250 ट्रांसफर हो जाएगी। लेकिन आज दोपहर तक जब पैसे नहीं आए, तो हलचल मच गई।
असल में, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते दिन अहमदाबाद विमान हादसे में हुए दुखद नुकसान पर गहरा शोक जताते हुए अपना पूरा कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। इसी के चलते 13 तारीख की लाड़ली बहना सम्मेलन भी टाल दी गई, और पैसे ट्रांसफर नहीं हो पाए।
16 जून को आएगी 25वीं किस्त
सरकारी सूचना के मुताबिक अब 25वीं किस्त की रकम 16 जून 2025 को खातों में डाली जाएगी। उसी दिन सीएम मोहन यादव ‘लाड़ली बहना सम्मेलन’ को संबोधित करेंगे और इसी मंच से पूरे प्रदेश की बहनों को ये रकम भेजी जाएगी।
सिर्फ इतना ही नहीं, इस दिन करीब 26 लाख महिलाओं को गैस सिलेंडर की सब्सिडी भी दी जाएगी।
लाड़ली बहना योजना की शुरुआत
मई 2023 में शुरू हुई लाड़ली बहना योजना के तहत हर eligible महिला को हर महीने सीधा बैंक खाते में ₹1000 दिए जाने लगे। कुछ महीनों बाद रक्षाबंधन पर इसे बढ़ाकर ₹1250 कर दिया गया।
अब तक 24 किश्तें जारी हो चुकी हैं और कुल ₹28,000 करोड़ से ज्यादा की राशि सीधे बहनों को मिल चुकी है। सरकार का दावा है कि इस योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है और वे घर के फैसलों में ज्यादा भागीदारी कर पा रही हैं।
देखें किसे मिलते हैं पैसे और किसे नहीं?
लाड़ली बहना योजना के दायरे में वो महिलाएं आती हैं जो 21 से 60 साल की उम्र के बीच हैं, और जिनका सालाना पारिवारिक इनकम ₹2.5 लाख से कम है।
अगर किसी के घर में कोई सरकारी नौकरी में है, या खुद का चारपहिया वाहन है, या किसी और योजना से ₹1250 से ज्यादा मिल रहा है — तो उन्हें योजना से बाहर कर दिया जाता है।
कई बहनों को इस बात की शिकायत भी रहती है कि पात्र होने के बावजूद उनके फॉर्म रिजेक्ट हो जाते हैं। इस पर भी सरकार ने हाल ही में फॉर्म अपडेट करने का विकल्प दिया है।
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आज पूरे दिन सोशल मीडिया पर एक ही सवाल छाया रहा: “पैसे क्यों नहीं आए?”
कुछ लोगों ने सरकार के फैसले को सही बताया, कहा कि दुख की घड़ी में संवेदनशीलता ज़रूरी है। लेकिन ज़्यादातर बहनों की चिंता साफ थी — “घर का राशन, दवाई, बच्चों की फीस — सब कुछ इसी पैसे से चलता है। देरी हमें झटका देती है।”
लोगों की भावनाओं में नाराज़गी कम और उम्मीद ज़्यादा दिखी, कि आगे से ऐसी ज़रूरी रकम तय तारीख पर ही मिले।
आपका क्या कहना है? क्या सरकार को इस किस्त को समय पर जारी करना चाहिए था, या फिर ये फैसला सही था? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर बताएं। और ऐसी ही ख़बरों के लिए जुड़े रहें हमारे साथ!
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